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सेवायतों की लापरवाही पर उठे सवाल
पुरी। पुरी में विश्वविख्यात रथयात्रा के दौरान भगवान बलभद्र के तलध्वज रथ से अढ़प मंडप तक गोटी पहंडी के दौरान हुई दुर्घटना की जांच मंगलवार को शुरू हुई। यह घटना रथयात्रा के दौरान उस समय हुई थी, जब भगवान बलभद्र को उनके रथ से उतारा जा रहा था।
इस जांच के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति में एक अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक और एक पुलिस उप-अधीक्षक शामिल हैं।
जांच के हिस्से के रूप में भगवान बलभद्र के बड़ाग्राही, खुंटिया सेवायत, प्रतिहारी सेवायत, जगन्नाथ मंदिर पुलिस (जेपीटी), एसजेटीए के मुख्य प्रशासक और वरिष्ठ दइतपति सेवायतों से पूछताछ की गई। एसजेटीए के मुख्य प्रशासक ने सत्र में वर्चुअली हिस्सा लिया।
पिछली रथयात्रा के दौरान हुई इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद दुनियाभर के भक्तों में सेवायतों की कथित लापरवाही के खिलाफ व्यापक आक्रोश फैल गया था। इस हादसे के बाद जांच समिति का गठन किया गया था, जिसे ‘नीलाद्रि बिजे’ के 10 दिनों के भीतर अपनी जांच रिपोर्ट सौंपनी थी, लेकिन घटना की जांच केवल आज शुरू हो सकी। गौरतलब है कि इस पहंडी बिजे अनुष्ठान के दौरान हुई दुर्घटना में सात सेवक घायल हो गए थे।