Home / Odisha / ओडिशा में आलू की किल्लत से महंगाई बढ़ी, सियासी विवाद हुआ तेज

ओडिशा में आलू की किल्लत से महंगाई बढ़ी, सियासी विवाद हुआ तेज

  • बीजद-कांग्रेस ने भाजपा सरकार पर साधा निशाना

  • आलू संकट हालिया नहीं है, बल्कि पिछली सरकार की गलतियों के कारण हुआ – भाजपा

भुवनेश्वर। ओडिशा में आलू की कमी के कारण इसकी कीमतें आसमान छू रही हैं, जिससे आम लोगों की जेबों पर असर पड़ा है। इस मुद्दे पर राज्य में सियासी खींचतान भी बढ़ गई है।

नवगठित भाजपा सरकार पर निशाना साधते हुए बीजद नेता सम्बित राउतराय ने कहा कि नवीन पटनायक सरकार के लंबे कार्यकाल में आलू की किल्लत मुश्किल से एक या दो बार हुई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि जैसे ही भाजपा सत्ता में आई, यह संकट सामने आ गया। राउतराय ने कहा कि उपभोक्ता परेशान हो रहे हैं। हालांकि, आपूर्ति मंत्री लगातार बयान दे रहे हैं, लेकिन अब तक कुछ भी ठोस नहीं हुआ है। उम्मीद है कि जल्द ही यह संकट हल हो जाएगा।

दूसरी ओर, कांग्रेस ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा। कांग्रेस नेता विजय पटनायक ने कहा कि ओडिशा को 14 लाख टन आलू की आवश्यकता होती है, लेकिन राज्य में केवल 4 लाख टन आलू का उत्पादन होता है। उन्होंने कहा कि बीजद सरकार ने 2016 में आलू मिशन शुरू किया था। वर्तमान सरकार को इस मिशन की विफलता की जांच करनी चाहिए।

वहीं, भाजपा ने भी इस मुद्दे पर अपनी सफाई दी। भाजपा नेता सुरथ बिस्वाल ने कहा कि वर्तमान आलू संकट हालिया नहीं है, बल्कि पिछली सरकार की गलतियों के कारण हुआ है और इसे हल करने में समय लगेगा। बिस्वाल ने कहा कि आलू संकट पिछली सरकार की गलतियों के कारण हुआ है। इसे एक दिन में हल नहीं किया जा सकता। सुधार में समय लगेगा। भाजपा सरकार इस समस्या को सुलझाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है। किसानों को आलू की खेती के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा और समस्या से निपटने के लिए कोल्ड स्टोरेज बनाए जाएंगे।

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