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श्री जगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की मरम्मत के लिए एसओपी तैयार

  • खाली अलमारियों और संदूकों की शिफ्टिंग, वैज्ञानिक टूल्स से स्कैनिंग और मरम्मत के निर्देश

पुरी। श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के मुख्य प्रशासक अरविंद पाढ़ी ने सोमवार को एक महत्वपूर्ण बैठक के बाद जानकारी दी कि रत्न भंडार की मरम्मत के लिए एक विस्तृत मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार की गई है। इस एसओपी में खाली अलमारियों और संदूकों की शिफ्टिंग, नवीनतम वैज्ञानिक उपकरणों से आवश्यक स्कैनिंग और मरम्मत के निर्देश शामिल हैं।

अरविंद पाढ़ी ने बताया कि आज की महत्वपूर्ण बैठक में पांच से छह प्रस्तावों पर चर्चा की गई। रत्न भंडार के आंतरिक और बाहरी कक्ष से पहले ही सभी आभूषण और मूल्यवान वस्तुएं शिफ्ट कर दी गई हैं। आंतरिक कक्ष में अभी भी पुरानी अलमारियां हैं। इसी तरह, रत्न भंडार की मरम्मत से पहले लेजर स्कैनिंग और अन्य वैज्ञानिक तकनीकों के उपयोग पर चर्चा हुई।

तकनीकी विशेषज्ञ समिति का गठन

एसजेटीए के मुख्य प्रशासक ने आगे बताया कि खाली अलमारियों और अन्य वस्तुओं की शिफ्टिंग और स्कैनिंग के लिए तकनीकी निरीक्षण पर विस्तृत चर्चा हुई, जिसे आईआईटी या सीबीआरआई द्वारा किया जाएगा। ओडिशा सरकार एक तकनीकी विशेषज्ञ समिति का गठन करेगी और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा उपयोग की जाने वाली किसी भी तकनीक या उपकरण का उपयोग राज्य सरकार को विश्वास में लेकर ही किया जाएगा। प्रबंध समिति ने एसओपी को मंजूरी दे दी है और इसे ओडिशा सरकार को सौंपा जाएगा।

भूमि प्रबंधन नियम और बसें

मुख्य प्रशासक ने आगे बताया कि बैठक में श्री जगन्नाथ मंदिर भूमि प्रबंधन नियमों के मसौदे पर भी चर्चा हुई और इसे प्रबंध समिति द्वारा मंजूरी दी गई। नियम राज्य सरकार की मंजूरी के बाद लागू किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि ओबीसीसी ने 35 वातानुकूलित मिनी ई-बसें प्रदान की थीं। बैठक में यह निर्णय लिया गया कि इन बसों को प्रबंधन के लिए ओएसआरटीसी या किसी अन्य एजेंसी को सौंपने के लिए ओडिशा सरकार से संपर्क किया जाएगा। एक प्रस्ताव राज्य सरकार को आवश्यक निर्णय के लिए सौंपा जाएगा।

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