-
जगन्नाथ स्वाईं महापात्र ने लगाए गंभीर आरोप
-
कहा-खोंडलाइट पत्थरों के उपयोग में भ्रष्टाचार
पुरी। श्रीमंदिर परिक्रमा प्रकल्प (हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। हर दिन इस सौंदर्यीकरण परियोजना में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के नए आरोप सामने आ रहे हैं। भगवान जगन्नाथ के मुख्य बड़ग्राही, जगन्नाथ स्वाईं महापात्र ने अब इस परियोजना में सैकड़ों करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए हैं।
महापात्र ने खोंडलाइट पत्थरों के उपयोग में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। यह परियोजना पूर्व बीजद सरकार द्वारा कार्यान्वित की गई थी। स्वाईं ने कहा कि परिक्रमा परियोजना के नाम पर महाप्रभु के खोंडलाइट पत्थर की खदान को माफियाओं द्वारा लूटा गया है।
उच्चस्तरीय जांच की मांग
महापात्र ने मुख्यमंत्री मोहान माझी और विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन से अपील की है कि इस बड़े भ्रष्टाचार की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए। उन्होंने कहा कि मैं निराश हूं कि खोंडलाइट पत्थर की खदान से जो राजस्व आना चाहिए था, वह लूट लिया गया है। मंदिर प्रशासन को सैकड़ों करोड़ का राजस्व नुकसान हुआ है।
सौंदर्यीकरण परियोजना में खनन के आरोप
महापात्र के अनुसार, खोंडलाइट पत्थर को केवल तभी खनन किया जाता है, जब 12वीं सदी के महाप्रभु श्री जगन्नाथ के इस मंदिर की मरम्मत की आवश्यकता होती है। हालांकि, पूर्व बीजद सरकार ने हेरिटेज कॉरिडोर परियोजना के लिए खदान का 70 प्रतिशत हिस्सा निकाल लिया।
हालांकि, श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए), संबंधित अधिकारियों या बीजद की ओर से इन आरोपों पर कोई टिप्पणी नहीं मिल सकी थी।
महाप्रभु जगन्नाथ की खोंडलाइट खदान
गौरतलब है कि पूर्व बीजद सरकार ने हेरिटेज कॉरिडोर के निर्माण के लिए खोंडलाइट पत्थर का उपयोग किया था। ये पत्थर खुर्दा के नरनगढ़ में स्थित भगवान जगन्नाथ की खोंडलाइट पत्थर की खदान से निकाले गए थे।
इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग के साथ अब नजरें अब मुख्यमंत्री मोहान माझी और विधि मंत्री पृथ्वीराज हरिचंदन पर हैं कि वे इस गंभीर मामले में क्या कदम उठाएंगे।