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हीराकुद बांध से 20 गेटों से सीजन का पहला बाढ़ का पानी छोड़ा गया

  • ओडिशा में बाढ़ का कोई खतरा नहीं – विशेष राहत आयुक्त

  • संबलपुर, सोनपुर, बौध, नयागढ़, अनुगूल, कटक, जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा और पुरी के कलेक्टरों को सतर्क रहने का निर्देश

संबलपुर। रविवार को हीराकुद बांध से 20 गेटों के जरिए सीजन का पहला बाढ़ का पानी छोड़ा गया। बांध के अधिकारियों ने आज चरणबद्ध तरीके से 20 गेट खोलकर अतिरिक्त पानी को बाहर निकालने का फैसला किया है।

हीराकुद बांध के गेट खोलने का फैसला ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में भारी बारिश और बांध में पानी के प्रवाह को देखते हुए लिया गया है।

आज सुबह 6 बजे तक हीराकुद का जलस्तर 616.93 फीट पर पहुंच गया था। जलाशय में पानी का प्रवाह 3,16,000 क्यूसेक था, जबकि बांध से 40,126 क्यूसेक पानी बाहर निकल रहा था।

परंपरा के अनुसार, पूजा के बाद सबसे पहले स्लुइस गेट नंबर 7 को खोला गया। आज सुबह 9 बजे पहले चार गेट खोले गए।

गेट खोलने से पहले अधिकारियों ने जन-संबोधन प्रणाली के माध्यम से लोगों को जागरूक किया था कि हीराकुद से बाढ़ का पानी छोड़े जाने के दौरान महानदी में प्रवेश न करें।

विशेष राहत आयुक्त (एसआरसी) के कार्यालय ने बताया कि हीराकुद बांध के 20 गेट खोले जाने के कारण 29 जुलाई की सुबह खैरामल में डिस्चार्ज करीब 4.50 लाख क्यूसेक होगा और 30 जुलाई तक मुंडाली में डिस्चार्ज करीब 5.00 लाख क्यूसेक होगा।

एसआरसी ने संबलपुर, सोनपुर, नयागढ़, पुरी, कटक, जगतसिंहपुर और केंद्रापड़ा के कलेक्टरों को निर्देश दिया है कि वे महानदी के किनारे के लोगों को महानदी में प्रवेश न करने के लिए सचेत करें। जानवरों को भी नदी के करीब जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। कलेक्टरों से भी सतर्क रहने और स्थिति पर नजर रखने का अनुरोध किया गया है।

रविवार को अतिरिक्त विशेष राहत आयुक्त पद्मनाव बेहरा ने बताया कि संबलपुर में बांध से अतिरिक्त पानी छोड़े जाने के बावजूद ओडिशा में बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।

जल संसाधन विभाग ने बताया कि सुबह 9.30 बजे और दोपहर 12.30 बजे क्रमश: सात-सात गेट खोले गए, जबकि दोपहर 2.30 बजे छह और गेट खोले गए।

बेहरा ने कहा कि महानदी नदी के निचले बेसिन में स्थित संबलपुर, सोनपुर, बौध, नयागढ़, अनुगूल, कटक, जगतसिंहपुर, केंद्रापड़ा और पुरी जिलों के कलेक्टरों को सतर्क रहने का निर्देश दिया गया है। हालांकि, राज्य में बाढ़ का कोई खतरा नहीं है।

बेहरा ने कहा कि वरिष्ठ अधिकारियों को जिला नियंत्रण कक्षों में मौजूद रहने और किसी भी तरह की आपातकालीन स्थिति से बचने के लिए स्थिति की निगरानी करने के लिए कहा गया है।

जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता भक्त रंजन मोहंती ने कहा कि ऊपरी जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश के कारण हीरादकुद जलाशय में जल स्तर बढ़ गया है, जिसके कारण हमें अतिरिक्त पानी छोड़ना पड़ा है। हमें उम्मीद है कि सोमवार सुबह 6 बजे तक खैरामल में 4.50 लाख क्यूसेक पानी बहेगा और 30 जुलाई की सुबह मुंडाली में यह प्रवाह चरम पर पहुंच जाएगा। बैतरणी खतरे के स्तर से नीचे बह रही है और यह धीरे-धीरे बढ़ रही है। अखुआपाड़ा में जलस्तर 17.1 मीटर पर है। हम बैतरणी नदी प्रणाली पर भी कड़ी नजर रख रहे हैं।

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