पुरी। पुरी के जगन्नाथ मंदिर में रत्न भंडार की मरम्मत की आवश्यकता है। श्रीमंदिर के रत्नभंडार से लौटने के बाद पुरी के गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव ने य़ह बात कही।
मीडियाकर्मियों से बात करते हुए गजपति महाराज ने कहा कि रत्न भंडार के भीतर व अंदर के दोनों कक्षों की मरम्मत करना अपरिहार्य है। अंदर के रत्न भंडार से सभी आभूषणों को अस्थायी स्ट्रांग रूम में स्थानांतरित करने के बाद हम मरम्मत कार्य के लिए एएसआई को सौंप देंगे।
उन्होंने कहा कि बाहर व भीतर के रत्न भंडार से आभूषणों को जिस स्ट्रांग रूम में स्थानांतरित किया जा रहा है, वह चौबीसों घंटे सीसीटीवी की निगरानी में है। रत्न भंडार से कंटेनरों को अस्थायी स्ट्रांग रूम में स्थानांतरित करने के बाद लोहे के दरवाजे को पूरी तरह से सील कर दिया जाएगा। फिर श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) प्रशासक श्री जगन्नाथ मंदिर के नियमों के अनुसार ट्रेजेरी को चाबी सौंप देंगे। रत्न भंडार के बाहरी और आंतरिक दोनों कक्षों को पूरी तरह से खाली करने के बाद, उच्च प्रौद्योगिकी उपकरणों और स्कैनिंग मशीन का उपयोग करके संरचना का निरीक्षण किया जाएगा। जब मंदिर प्रशासन को यह विश्वास हो जाएगा कि रत्न भंडार के भीतरी कक्ष में कुछ भी नहीं बचा है, तो हम मरम्मत के लिए इसे एएसआई अधिकारियों को सौंप देंगे।। उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता कि भंडार कक्ष की मरम्मत पहले कब की गई थी। हमारे पास 1971 में एएसआई ने मंदिर के संरक्षण का कार्य हाथ में लिया है। इसके बाद यहां किसी प्रकार का मरम्मत हुआ हो इसका कोई प्रमाण नहीं है। इसलिए रत्न भंडार की मरम्मत का काम बहुत जरूरी है।