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राज्यसभा में विरोध प्रदर्शन करने और ओड़िया ‘अस्मिता’ का मुद्दा उठाने के लिए भाजपा ने की खिंचाई
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उच्च सदन में विरोध प्रदर्शन से लेकर विपक्ष के वॉकआउट में बीजद सदस्य भी हो रहे शामिल
भुवनेश्वर। ओडिशा में सत्ता से बेदखल होने के बाद बीजद ने विपक्ष के सुर में सुर मिलाते हुए राज्यसभा में नीट के मुद्दे पर विरोध प्रदर्शन किया, जिससे ओडिशा में राजनीति गरमा गई है। इसके अलावा, पार्टी ने राज्य के मुख्य सचिव के रूप में एक गैर-ओड़िया आईएएस अधिकारी की नियुक्ति को लेकर ओड़िया अस्मिता का मुद्दा भी उठाया है।
हालांकि इससे पहले पिछले 10 वर्षों में बीजद ने संसद में लगभग सभी मामलों में भाजपा को अपना समर्थन दिया था, लेकिन 2024 के आम चुनावों में अपनी हार के बाद इसने अपना रुख बदल दिया है। अब उच्च सदन में नीट पर चर्चा की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन करने से लेकर विपक्ष के वॉकआउट में बीजद सदस्य भी शामिल हो रहे हैं।
इसके जवाब में ओडिशा में सत्तारूढ़ भाजपा ने बीजद पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पार्टी लोकसभा चुनाव में खाता खोलने में विफल रहने के बाद अपनी खोई हुई पहचान को तलाशने की हताशाभरी कोशिश कर रही है।
बीजद उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश में -अनिल
भाजपा प्रवक्ता अनिल बिस्वाल ने कहा कि बीजद 2024 के आम चुनावों के बाद पहचान के संकट से गुजर रही है। वे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि लोकसभा में बीजद का कोई नेता नहीं है, तो वे राज्यसभा में यह संदेश देने की कोशिश कर रहे हैं कि वे विपक्ष में हैं।
भाजपा के खिलाफ बीजद जारी रखेगी आक्रामक रुख – प्रमिला
इस बीच, बीजद ने स्पष्ट कर दिया है कि वे विपक्ष के रूप में भाजपा के खिलाफ अपना आक्रामक रुख जारी रखेंगे। विपक्ष की मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक ने कहा कि बीजद हमेशा ओडिशा के हित के लिए लड़ेगी। हम अपनी पहचान के लिए संघर्ष नहीं कर रहे हैं। ओडिशा के लोग हमारी पहचान को अच्छी तरह जानते हैं, बल्कि भाजपा अपनी पहचान तलाश रही है। ओड़िया ‘अस्मिता’ मुद्दा यह एक सर्वविदित तथ्य है कि भाजपा ने ओड़िया ‘अस्मिता’ मुद्दे को उठाकर ओडिशा में चुनाव जीता था। हालांकि, ओडिशा के नए मुख्य सचिव के रूप में मनोज आहूजा की नियुक्ति के बाद बीजद अब इसी मुद्दे को उठाने की कोशिश कर रहा है। बीजद ने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए इस मुद्दे पर भाजपा की आलोचना शुरू कर दी है।
बयानबाजी से भटक गयी भाजपा – प्रसन्न
विपक्ष के उपनेता प्रसन्न आचार्य ने कहा कि अगर उन्होंने ओड़िया ‘अस्मिता’ को बरकरार रखा होता, तो हमें गर्व होता, लेकिन वे शुरू से ही अपने बयानबाजी से भटक गए।
भाजपा ने बीजद पर निशाना साधा
हालांकि, जवाब में भाजपा ने बीजद पर निशाना साधते हुए कहा कि विपक्षी दल में इस मुद्दे को उठाने की नैतिकता नहीं है, क्योंकि उन्होंने शासन को पूरी तरह से गैर-ओड़िया आईएएस अधिकारी वीके पांडियन के हाथों में सौंप दिया था।
वरिष्ठ भाजपा नेता जयनारायण मिश्र ने कहा कि आईएएस एक अखिल भारतीय कैडर है। बीजद ने शासन को पूरी तरह से पांडियन के हाथों में सौंप दिया था। हालांकि, हमने ऐसा कुछ नहीं किया है। यह उनकी मानसिकता है और उन्हें ऐसा ही रहने देना चाहिए।