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भक्तों को इस साल नहीं मिलेंगे महाप्रभु के नवयौवन के दर्शन
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श्रीमंदिर प्रबंध समिति की बैठक में लिया गया निर्णय
भुवनेश्वर। लंबे समय के बाद इस साल एक दुर्लभ संयोग के कारण भक्तों को महाप्रभु श्री जगन्नाथ के नवयौवन दर्शन करने की अनुमति नहीं होगी। पुरी में आयोजित श्रीमंदिर प्रबंध समिति की बैठक में उपरोक्त निर्णय लिया गया।
समिति के अध्यक्ष पुरी के गजपति महाराज दिव्य सिंहदेव की अध्यक्षता में आज श्रीमंदिर प्रबंध समिति की बैठक हुई तथा आगामी रथयात्रा को लेकर अनेक निर्णय किये गये। बैठक में छतीसा नियोग की बैठक में लिये गये निर्णयों को जारी रखने का निर्णय किया गया। रथय़ात्रा से संबंधित नीतियों को संपादित करने में तेजी लाने के लिए नवयौवन दर्शन को बंद करने का निर्णय किया गया है।
बताया गया है कि इस साल रथयात्रा 7 जुलाई को है और देवताओं के नवयौवन दर्शन और नेत्र उत्सव भी एक ही दिन पड़ रहे हैं। ऐसा दुर्लभ मिलन पिछली बार 1971 और 1909 में देखा गया था। चूंकि रथयात्रा, नवयौवन दर्शन और नेत्र उत्सव एक ही दिन पड़ रहे हैं, इसलिए श्रीमंदिर में भारी भीड़ होने की उम्मीद है। इसे ध्यान में रखते हुए एसजेटीए ने भक्तों को नवयौवन दर्शन की अनुमति नहीं देने का निर्णय लिया है।
इसके अलावा, पहंडी टिकट नहीं होंगे और भक्तों को श्रीमंदिर में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इस साल पहंडी टिकट दर्शन नहीं होंगे। मंदिर प्रबंधन समिति के सदस्य माधव पूजापंडा ने बताया कि चूंकि ‘नवयौवन दर्शन’ और ‘रथ यात्रा’ एक ही दिन पड़ रहे हैं, इसलिए किसी भी भक्त को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी।
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