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भारत का विकास भारतीय स्व से ही संभव – सह प्रांत कार्यवाह

  • राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ओडिशा (पूर्व) प्रांत का कार्यकर्ता विकास वर्ग कटक में संपन्न

  • समारोप कार्यक्रम में सम्मिलित हुए मुख्यमंत्री मोहन माझी व दोनों उप-मुख्यमंत्री

कटक। आरएसएस 99 वर्षों से अपने नागरिकों के चरित्र निर्माण और सामाजिक परिवर्तन के उद्देश्य से अथक प्रयास कर रहा है। हमारे देश के नागरिक अब इसका परिणाम महसूस कर सकते हैं। हमारे समाज के पूर्ण परिवर्तन के बाद भारत विश्वगुरु बनेगा। केवल भारतीय ‘स्व’ के माध्यम से ही यह हासिल किया जा सकता है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ओडिशा (पूर्व) प्रांत के सह प्रांत कार्यवाह रवि नारायण पंडा ने स्वयंसेवकों के लिए पंद्रह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम कार्यकर्ता विकास वर्ग के समापन समारोह को संबोधित करते हुए ये बातें कहीं।

उन्होंने कहा कि हमने अभी देश की आजादी के 75 साल पूरे किए हैं। इस अमृत काल के दौरान, हम ‘स्वतंत्रता’ के बारे में चर्चा कर रहे हैं। भारत का ‘स्व’ क्या है? ‘स्व’ ‘तंत्र’ क्या है? भारतीयता क्या है? इन विषयों पर समाज में गंभीर चर्चा चल रही है।

उन्होंने कहा कि गुरुदेव रवीन्द्र नाथ ठाकुर ने पाश्चात्य समाज व्यवस्था व भारतीय समाज व्यवस्था के बीच मौलिक भेद का वर्णन अपने स्वदेशी समाज नामक पुस्तक में किया है। गांधीजी ने भी अपनी हिंद स्वराज पुस्तक में भारत का अपना तंत्र कैसे होना चाहिए और वह पाश्चात्य व्यवस्था से कैसा भिन्न है उसका प्रतिपादन किया है।

पंडा ने कहा कि विश्व में विचारधाराओं के बीच संघर्ष चल रहा है। भारतीय विचारधारा त्याग पर आधारित है जबकि पाश्चात्य विचारधारा भोग पर आधारित है। वैचारिक दृष्टि से देखा जाए तो विश्व को देखने का दृष्टिकोण दोनों में भिन्न है। पाश्चात्य समाज 80-90 साल जीने की कल्पना करता है और यही कारण है कि वह सबकुछ एक जन्म में ही हासिल कर लेना चाहता है। जबकि भारतीय दर्शन पुनर्जन्म में विश्वास करती है तथा त्यागपूर्वक जीवन जीने की बात करती है।

इस समारोप कार्यक्रम में कटक स्थिति श्रीश्री विश्वविद्यालय के कुलपति डा बीआर शर्मा मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल थे। उन्होंने अपने वक्तव्य में राष्ट्र निर्माण में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के भूमिका की सराहना की। उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता विकास वर्ग जैसे प्रशिक्षण वर्ग के जरिये स्वयंसेवकों के व्यक्तित्व का विकास किये जाने के साथ-साथ देश के प्रति प्रेम करने वाले स्वयंसेवक तैयार हो रहे है। इस तरह के प्रशिक्षण से स्वयंसेवकों का चरित्र निर्माण किया जा रहा है। इस तरह के कार्यक्रम में शामिल होकर मैं अपने आप को धन्य मान रहा हूं।

कटक के गतिराउत पाटना स्थित सरस्वती शिशु विद्या मंदिर परिसर में आयोजित इस प्रशिक्षण वर्ग में राज्य के 18 जिले व 1 महानगर से कुल 257 प्रशिक्षार्थियों ने प्रशिक्षण लिया। इसमें से 195 छात्र थे। वर्ग में कुल 31 शिक्षक व 53 प्रबंधक थे। इसके साथ-साथ इस वर्ग में संघ के अखिल भारतीय अधिकारी, क्षेत्र व प्रांत के अधिकारी उपस्थित होकर प्रशिक्षार्थियों को प्रशिक्षण दिया।

समारोप कार्यक्रम में शामिल होने के बाद मुख्यमंत्री मोहन माझी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि  भारतीय संस्कृति व समाज को मूल्यों को बनाये रखने का प्रण लेने वाली राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के के कटक में कार्यकर्त विकास वर्ग के समारोप कार्यक्रममें शामिल हुआ। इस कार्यक्रम में स्वयंसेवक भाइयों के सिखने वाली कार्यों को देखना का मुझे अवसर मिला।

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