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ओडिशा के डीजीपी ने साझा की जानकारी
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कहा-राज्य में लोगों को जागरूक करने के लिए चलाया जायेगा अभियान
भुवनेश्वर। एक ऐतिहासिक कदम के तहत तीन नए आपराधिक कानून, भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) और भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए), 1 जुलाई से पूरे देश में लागू हो जाएंगे।
आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के लिए ये तीनों कानून औपनिवेशिक काल की भारतीय दंड संहिता (आईपीसी), दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) और 1872 के भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे, जो 1860 से अस्तित्व में थे।
गृह मंत्रालय ने की बैठक
गृह मंत्रालय ने इस संबंध में सभी राज्यों के डीजीपी के साथ बैठक की और तीनों नए कानूनों का उचित क्रियान्वयन सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। वर्चुअल मीटिंग में शामिल हुए ओडिशा के डीजीपी अरुण षाड़ंगी ने मीडिया को मीटिंग की जानकारी दी और कहा कि 1 जुलाई से राज्य में नए कानूनों को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
दिसंबर 2023 में बने थे कानून
मीडिया से बात करते हुए डीजीपी ने कहा कि दिसंबर 2023 में तीन प्रमुख आपराधिक कानूनों, आईपीसी, सीआरपीसी और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को बीएनएस, बीएनएसएस और बीएसए द्वारा प्रतिस्थापित किया गया था। सरकार ने फरवरी में इसके बारे में अधिसूचित किया था कि कानून 1 जुलाई 2024 से लागू होंगे। इसके साथ ही 150 साल पुराने औपनिवेशिक कानूनों का अंत हो गया है।
नए और पुराने कानूनों में बहुत अंतर
उन्होंने कहा कि नए और पुराने कानूनों में बहुत अंतर है। पहले अपराध महत्वपूर्ण था, लेकिन अब न्याय को अधिक महत्व दिया जाएगा। जांच प्रक्रियाओं में अधिक तकनीक का उपयोग करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। डीजीपी षाड़ंगी ने कहा कि चुनाव के कारण हम लोगों में जागरूकता नहीं फैला सके, लेकिन हर आम आदमी तक यह बात पहुंचाने के लिए कदम उठाए जाएंगे।