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चुनावी हिंसक घटनाएं चिंता का एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरी

  • भाजपा और बीजद नेताओं के बीच वाक्ययुद्ध तेज

भुवनेश्वर। ओडिशा में चुनावी हिंसक घटनाएं चिंता का एक बड़ा मुद्दा बनकर उभरी हैं। हालांकि राज्य के मुख्य चुनाव अधिकारी ने दावा किया है कि पिछली बार की तुलना में इस बार चुनाव काफी हद तक शांतिपूर्ण हुआ है। इस बीच चुनावी हिंसा को लेकर राजनीतिक वाक्ययुद्ध भी शुरू हो गया है।

अंतिम चरण के मतदान के दौरान भी हिंसा की घटनाएं हुईं हैं। केंद्रापड़ा में भाजपा के एक सरपंच को गाड़ी रौंद दिया गया। वह घटना के समय सड़क के किनारे खड़े। इसी तरह से चांदबाली में भारतीय जनता पार्टी के युवा मोर्चा के राज्य अध्यक्ष अभिलाष पंडा पर चांदबाली में हमला किया गया।

हमले को लेकर भाजयुमो उपाध्यक्ष संग्राम पात्र ने सवाल उठाया कि चांदबली विधायक ब्योमकेश राय, स्थानीय सरपंच और अन्य आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि चांदबली विधायक ब्योमकेश राय आदतन अपराधी हैं। उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले लंबित हैं। पुलिस ने अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है। स्थानीय सरपंच और उनके रिश्तेदार भी हमले में शामिल थे। उनके खिलाफ भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। हालांकि, इन आरोपों पर ब्योमकेश राय से कोई टिप्पणी नहीं मिल सकी थी।

एक अन्य घटना में बीजद ने धर्मशाला में बीजद उम्मीदवार प्रणव बालाबंतराय की चुनावी रैली के दौरान हुई हिंसा के लिए निर्दलीय उम्मीदवार हिमांशु साहू के खिलाफ मुख्य चुनाव अधिकारी (सीईओ) का दरवाजा खटखटाया।

बीजद नेता सस्मित पात्र ने कहा कि हिमांशु साहू और उनके समर्थकों को साजिश रचने, बीजद रैली के दौरान हमला करने और तोड़फोड़ करने के लिए गिरफ्तार किया जाना चाहिए।

इन हमलों से पहले वरिष्ठ भाजपा नेता और पार्टी के ब्रह्मपुर लोकसभा उम्मीदवार प्रदीप पाणीग्राही पर 13 मई को पहले चरण के मतदान के दौरान गोसानी नुआगांव में निर्दलीय उम्मीदवार शिवशंकर दाश ने कथित तौर पर हमला किया था। घटना के एक दिन बाद श्रीकृष्णानगर में कुछ बीजद समर्थकों ने भाजपा कार्यकर्ता दिलीप पाहना की हत्या कर दी और सात अन्य को घायल कर दिया। खलीकोट पुलिस स्टेशन के अंतर्गत सरणपुर गांव में चुनाव प्रचार के लिए पोस्टर लगाने को लेकर विवाद हुआ था। इसी तरह, 27 मई को चांदबली विधानसभा के अंतर्गत टोटापाड़ा में बीजद समर्थकों के एक समूह ने भाजपा के गंजाम जिला अध्यक्ष सुभाष साहू पर कथित तौर पर हमला किया था।

इन हिंसक घटनाओं को लेकर विपक्षी भाजपा और सत्तारूढ़ बीजद के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया है।

भाजपा नेता दिलीप मल्लिक ने कहा कि बीजद कार्यकर्ता हिंसा का सहारा ले रहे हैं, क्योंकि पार्टी की हार निश्चित है। वे हताशा में भाजपा समर्थकों को निशाना बना रहे हैं और उन पर हमला कर रहे हैं।

बीजद नेता राजकिशोर दास ने कहा कि भाजपा को झूठ बोलने की आदत है। वे झूठ बोलकर दूसरों की निंदा करते थे। वे हिंसा में लिप्त रहे हैं, लेकिन बीजद पर आरोप लगाते रहे हैं। उन्हें झूठ बोलने से बचना चाहिए।

2019 से 60 फीसदी कम हुई हिंसा – सीईओ

हालांकि, सीईओ निकुंज बिहारी धल ने कहा है कि ओडिशा में 2024 के आम चुनावों के दौरान हिंसक घटनाओं की संख्या 2019 के आम चुनावों की तुलना में कम हुई है। उन्होंने कहा कि हिंसा और आदर्श आचार संहिता से संबंधित मामलों की संख्या 2019 में 327 थी। हालांकि, 2024 में यह संख्या कम होकर अब तक यह 124 तक सीमित हो गई है। इसमें 60 प्रतिशत की कमी आई है।

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