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जैन श्वेताम्बर तेरापंथ सभा भुवनेश्वर के अध्यक्ष बने रंजित सिंह बैद

  •  वीरेन्द्र बेताला ने संभाली मंत्री पद की जिम्मेदारी

  • अखिल भारतीय महासभा अध्यक्ष ने समाज को पूरी तरह से नशा मुक्त करने का किया आह्वान

भुवनेश्वर। स्थानीय तेरापंथ भवन भुवनेश्वर में आचार्य महाश्रमण जी की शिष्या समणी निदेशिका कमल प्रज्ञा जी एवं सहवर्ती समणियों के सानिध्य में सत्र 2024-26 के लिए मनोनीति अध्यक्ष एवं कार्यकारिणी का शपथ विधि समारोह आयोजित किया गया। समणी जी के नमस्कार महामंत्र संगान के बाद मंत्री पारस सुराणा ने सभागीत के द्वारा मंगलाचरण किया। महासभा अध्यक्ष मनसुख लाल सेठिया ने श्रावक निष्ठापत्र वाचन किया। इसके बाद निवर्तमान अध्यक्ष बच्छराज बेताला ने अपने स्वागत वक्तव्य में सभी का स्वागत करने के साथ ही नव मनोनीति अध्यक्ष एवं उनकी पूरी कार्यकारिण को शुभकामनाएं दी। अपने कार्यकाल में मिले सहयोग के लिए पूरे समाज के प्रति आभार ज्ञापन किया।

निवर्तमान अध्यक्ष बच्छराज बेताला ने नव मनोनीत अध्यक्ष रंजित सिंह बैद को पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। तत्पश्चात नव नियुक्त अध्यक्ष ने अपनी कार्यकारिणी की घोषणा करते हुए पूरी कार्यकारिणी को शपथ दिलाई।

पारस सुराणा, जसवंत जैन उपाध्यक्ष

कार्यकारिणी में उपाध्यक्ष के रूप में पारस सुराणा, जसवंत जैन, मंत्री के रूप में वीरेन्द्र बेताला, सह मंत्री संजय गोलछा, राजेन्द्र सेठिया, कोषाध्यक्ष नरेन्द्र सुखाणी, संगठन मंत्री रतण मणोत एवं पूरी कार्यकारिणी की घोषणा करते हुए शपथ पाठ कराया। इसके बाद स्थानीय सभी संस्था के पदाधिकारियों तथा महासभा के मुकेश सेठिया एवं प्रफुल्ल बेताला ने नवनियुक्त अध्यक्ष एवं पूरी टीम को अपनी शुभकामना प्रेषित की।

संघ निष्ठा एवं नशा मुक्ति का आह्वान

महासभा अध्यक्ष मनसुख लाल सेठिया ने इस अवसर पर महासभा एवं सभा के सभी करणीय कार्य के साथ संघ निष्ठा एवं नशा मुक्ति का आह्वान किया।

मौलिकता का संरक्षण का आह्वान

समणी निदेशिका कमल प्रज्ञा ने अपने आशीर्वचन में कार्यकर्ताओं के विभिन्न गुणों की चर्चा करते हुए कहा कि मौलिकता का संरक्षण करने के साथ नए कार्य के क्षेत्र में आगे बढ़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि आध्यात्म निष्ठा हमारी प्राथमिकता है, हमारे में श्रेष्ठ आध्यात्मिक सामाजिक व्यक्तित्व का विकास हो।

धन्यवाद ज्ञापन करते हुए वीरेन्द्र बेताला ने कहा कि हम आध्यात्मनिष्ठ संघ निष्ठ बने। हमारी आंतरिक शक्तियों का विकास हो, इसके लिए हमे निरंतर सजग एवं प्रयासरत रहना चाहिए।कार्यक्रम का सफल संचालन पारस सुराणा ने किया।

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