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कहा-राज्य में कोरोना के विस्तार के लिए यह कदम था जरूरी
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प्रवक्ता ने लगाया स्थानीय प्रशासनों के बीच तालमेल का आभाव
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स्थानीय दुकानदारों को हो रही है परेशानी – अशोक सामल
शैलेश कुमार वर्मा, कटक
कोरोना की जांच के बिना ओडिशा में प्रवासियों को लाने पर लगायी गयी रोक के फैसले की सराहना करते हुए कांग्रेस पार्टी ने ओडिशा हाईकोर्ट के आदेश का स्वागत किया है. पार्टी ने कहा है कि ओडिशा में कोरोना के मरीजों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है. ये लोग या तो सूरत, गुजरात से आ रहे हैं या पश्चिम बंगाल से. ऐसे लोगों के प्रवेश पर रोक लगाना जरूरी था. ये बातें ओडिशा प्रदेश के कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सामल ने कहीं. सामल ने कहा कि विलंब से ही सही, पर हम हाईकोर्ट के आदेश एवं दिशा-निर्देश का स्वागत करते हैं, लेकिन कोरोना को लेकर उपजी समस्याओं का अंत यहीं नहीं हो रहा है. प्रशासनिक तालमेल के अभाव का असर भी आम लोगों पर दिख रहा है.
अशोक सामल ने कहा कि कटक में सीएमसी, जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के बीच सही तालमेल नहीं रहने के कारण लोग दुकानें खोलने एवं बंद करने को लेकर भ्रमित हो रहे हैं. उनका कहना है कि इस समय जितनी गर्मी हो रही है, उससे लोग घर से नहीं निकल पा रहे हैं. इसका भी प्रशासन को ध्यान देना चाहिए. खुदरा व्यापारी, होलसेल व्यापारी एवं छोटे-मोटे जो व्यापारी हैं, को लाकडाउन में काफी परेशानी उठाना पड़ रहा है. सामल ने कहा कि राज्य सरकार की ढुलमुल नीति के कारण राज्य में कोरोना की संख्या दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.
उन्होंने कहा कि ओडिशा के प्रवासियों को बिना जांच के लाना कभी उचित कदम नहीं था. अगर हाईकोर्ट के फैसले जैसा निर्णय पहले लिया गया होता तो ओडिशा में कोरोना के मरीजों की संख्या अनियंत्रित नहीं होती. साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि कटक नगर निगम के कुछ अधिकारी अपने सरकारी तंत्र का उपयोग कर राज्य की जनता से खिलवाड़ कर रहे हैं.
गर्मी के प्रकोप को देखते हुए सामल ने रात में नौ बजे तक दुकानें खोलने के लिए सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि दोपहर में 38-40 डिग्री तापमान में लोग घर से निकलना नहीं पसंद कर रहे हैं. इसलिए दुकान खोलने का समय बदल कर रात्रि 9 बजे तक किया जाये. उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ पुलिसवाले भोली-भाली जनता पर अत्याचार कर रहे हैं. सामाजिक दूराव के नाम पर प्रशासन जनता को परेशान कर रही है. सोशल डिस्टेंस को मेंटेन रखने के लिए प्रशासन जनता का सहयोग करे, क्योंकि अभी के हालात में जनता का विश्वास धीरे-धीरे प्रशासन के ऊपर से उठता जा रहा है.
कई गरीब लोग इस ढुलमूल नीति के कारण सही रूप से अपना व्यापार और कामकाज नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए राज्य सरकार को भी इस ओर उचित कदम उठाने की जरूरत है.