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पांच सालों के बाद बालेश्वर लौटने से कार्यकर्ताओं में जगा जोश
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लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की निगाहें खोई सीट वापस लाने पर टिकी
गोविंद राठी, बालेश्वर।
ओडिशा में लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा के चौथे चरण के चुनाव के तहत बालेश्वर में होने मतदान को लेकर राजनीतिक पारा चढ़ने लगा है। यहां के लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले में पूर्व सांसद श्रीकांत जेना को अपनी जमीन की तलाश है, जबकि कांग्रेस की निगाहें 2014 से खोई इस सीट को वापस लाने पर टिकी है।
हालांकि लगभग पांच सालों के बाद पूर्व सांसद श्रीकांत जेना अब बालेश्वर में फिर से दिखाई दिए हैं और लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर वह यहां से चुनाव लड़ रहे हैं। उनकी वापसी से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में जोश जग उठा है, लेकिन लोगों के बीच कोविड-19 महामारी के दौरान भी सार्वजनिक जीवन से गायब रहने को लेकर भी चर्चाएं शुरू हो गयी हैं। इस दौरान वह बालेश्वर की जनता से लगभग कट गये थे।
इस बीच कांग्रेस की देशव्यापी खराब हालात से बालेश्वर भी अछूता नहीं रहा है, लेकिन श्रीकांत जेना के मैदान में उतरने से पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश भर गया है, लेकिन उनकी चुनावी स्थिति कमजोर मानी जा रही है, क्योंकि चुनावी अभियान में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कमान खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजू जनता दल (बीजद) की कमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और उनके करीबी नेता वीके पांडियन संभाल रहे हैं। ओडिशा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत तमाम दिग्गज नेताओं के ओडिशा के तूफानी दौरे ने भाजपा के पक्ष में माहौल को बना रखा है।
इन सबके बावजूद कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और समर्थक उनकी वापसी से उत्साहित हैं, लेकिन वह भी जानते हैं कि चुनावी जंग में सफलता के लिए उन्हें काफी मेहनत करनी होगी। भाजपा और बीजद के शक्तिशाली अभियान के सामने जेना की राह संघर्षभरी है।
हालांकि साल 2009 में कांग्रेस के टिकट से बालेश्वर लोकसभा सीट से श्रीकांत जेना ने आसान जीत हासिल की थी और केंद्र में मंत्री भी रहे। उनका दावा है कि इस दौरान उन्होंने बालेश्वर में एम्स अस्पताल, मेडिकल कॉलेज, नोसी बिजनेस पार्क, सीपेट संस्था सहित कईं महत्वपूर्ण परियोजनाओं को बालेश्वरवासियों के लिए लाया था। हालांकि 2014 के आम चुनाव में उन्हें बीजद के उम्मीदवार रवींद्र जेना से हार का सामना करना पड़ा था। इसके बाद 2019 के चुनाव में कांग्रेस ने यहां से युवा नेता नवज्योति पटनायक को टिकट दे दिया था।
2019 में कांग्रेस पार्टी के खिलाफ काम करने एवं उनके पार्टी विरोधी बयानबाजी के लिए उन्हें दल से निष्कासित भी कर दिया गया था। अब 2024 के आम चुनाव में कांग्रेस ने इस सीट को हासिल करने के लिए एक बार फिर श्रीकांत जेना की वापसी की और वह मैदान की तलाश कर रही है। श्रीकांत जेना के लिए कांग्रेस के दिग्गज नेताओं ने प्रचार शुरू कर दिया है। अभी हाल ही में सचिन पायलट ने प्रचार अभियान चलाया था और अब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 29 मई को बालेश्वर का दौरा करने वाले हैं। कांग्रेस का प्रयास है कि 2009 की तरह 2024 में वह इस सीट को फिर से हासिल करे, लेकिन 2019 से बालेश्वर भी भगवा रंग में रंगा हुआ और भाजपा के सांसद प्रताप चंद्र षाड़ंगी चुनावी मैदान में हैं। उनकी शादगी लोगों को अपने पास खींच लाती है। ठीक इसी तरह से भाजपा छोड़ चुकी लेखाश्री सामन्तसिंहार बीजद के टिकट से चुनावी मैदान में हैं। इनके लिए खुद राज्य के मुख्यमंत्री तथा बीजद के मुखिया नवीन पटनायक ने बालेश्वर में चुनावी जनसभा को संबोधित किया था। इसी तरह से भाजपा की वरिष्ठ नेत्री स्मृति ईरानी, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला, राजस्थान भाजपा के अध्यक्ष सीपी जोशी, राजस्थान सरकार के मंत्री, वहां के विधायक और केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव समेत भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने प्रताप षाड़ंगी के लिए प्रचार अभियान चलाया है।