-
देश में तीसरे पायदान पर पहुंचा राज्य
-
तमिलनाडु पहले नंबर और महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर
भुवनेश्वर। भाजपा के वरिष्ठ नेता तथा केन्द्रीय वन व पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने दावा किया कि ओडिशा में गृहिणियों की आत्महत्या के मामले 613% बढ़ गये हैं। वह यहां भाजपा की ओर से बीजद के खिलाफ तैयार किये गये आरोप पत्र के लोकार्पण के मौके पर संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने एक अखबार का हवाला देते हुए कहा कि राज्य में महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं। गृहिणियों की आत्महत्या के मामले 613% बढ़े हैं। अग्रेजी अखबार ने कहा है कि एनसीआरबी की नवीनतम रिपोर्ट से पता चला है कि ओडिशा में गृहिणियों द्वारा आत्महत्याओं में 2021 की तुलना में 2022 में 613% की चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। आंकड़ों के मुताबिक, गृहिणियों द्वारा आत्महत्या की संख्या 2021 में 377 से बढ़कर पिछले साल 2,691 हो गई।
इस मामले में ओडिशा तीसरे स्थान पर है, जबकि 3,093 गृहणियों की आत्महत्या के साथ तमिलनाडु इस सूची में शीर्ष पर है और 2,698 ऐसी मौतों के साथ महाराष्ट्र दूसरे स्थान पर है।
2022 में 6,140 लोगों ने की आत्महत्या
एनसीआरबी की नवीनतम रिपोर्ट के आधार पर दावा किया गया है कि राज्य में साल 2022 में कुल मिलाकर 6,140 लोगों ने आत्महत्या की है। साल 2021 में 5,651 लोगों की मौत हुई थी, यानी साल 2022 में 8.7% की वृद्धि दर्ज हुई है। पुलिस ने कहा कि गृहिणियों में आत्महत्या का मुख्य कारण पारिवारिक समस्या है।