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जिले के शक्तिशाली आदिवासी संगठन कुई समाज ने तीनों दलों के उम्मीदवारों के खिलाफ खोला मोर्चा
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गैर आदिवासी और जिले के बाहरी नेताओं का किया विरोध
फुलबाणी। कंधमाल जिले के एक शक्तिशाली आदिवासी संगठन कुई समाज ने लोकसभा सीट के लिए घोषित किये गये बीजद, भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। हालांकि अभी तक भाजपा, बीजद और कांग्रेस द्वारा मैदान में उतारे गए नेताओं ने अपना प्रचार अभियान भी शुरू नहीं किया है।
इस संगठन ने राज्य में सत्तारूढ़ बीजद के उम्मीदवार अच्युत सामंत को गैर-आदिवासी बताते हुए पार्टी से इनकी उम्मीदवारी वापस लेने की मांग की है। सामंत की उम्मीदवारी का विरोध करते हुए उन्होंने उनका पुतला भी फूंका था। साथ ही उन्होंने धमकी दी है कि अगर पार्टी ने अपना उम्मीदवार वापस नहीं लिया, तो वे 16 अप्रैल को कंधमाल बंद का आह्वान करेंगे।
इतना ही नहीं, भाजपा और कांग्रेस पर इनका गुस्सा देखने को मिला है। इन दोनों पार्टियों ने जिले के बाहर से उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।
फिरिंगिया कुई समाज के अध्यक्ष मुकुंद कहंर ने कहा कि हम नहीं जानते कि अच्युत सामंत कहां से आते हैं। उन्होंने सवाल दागा कि क्या हमारे पास सात विधानसभा क्षेत्रों में सक्षम नेता नहीं हैं।
हालांकि डा अच्युत सामंत ने अपनी उम्मीदवारी पर किसी भी असंतोष के पनपने से इनकार किया।
इधर, कुई समाज ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि बालिगुड़ा विधानसभा सीट के लिए कांग्रेस के उम्मीदवार सुरड प्रधान गैर-आदिवासी हैं। इसलिए उन्हें स्वीकार नहीं किया जायेगा। गैर-आदिवासी से शादी करने के कारण समाज इसी सीट से भाजपा की उम्मीदवार कल्पना कहंर का भी विरोध कर रहा है। फुलबाणी विधानसभा सीट से कांग्रेस की उम्मीदवार प्रतिभा कहंर को भी गैर-आदिवासी से शादी के कारण विरोध का सामना करना पड़ रहा है।
कुई समाज सेवा समिति, फूलबाणी के सचिव अबनी कहंर ने कहा कि हमारे समुदाय के बाहर शादी करने के कारण हम कांग्रेस उम्मीदवार प्रतिभा कहंर को कुई समाज का हिस्सा नहीं मानते हैं।
इधर, कंधमाल जिला कांग्रेस अध्यक्ष चंद्रशेखर परिडा ने कहा कि प्रतिभा कहंर कुई समाज के एक सक्रिय सदस्य की बेटी हैं। उनके पति सबर समुदाय से हैं, जो एक आदिवासी समुदाय भी है। इसलिए, उन्हें चुनाव लड़ने का अधिकार है।
भाजपा के राज्य कार्यकारी सदस्य भगवान मोहंती ने कहा कि कल्पना कहंर के माता-पिता आदिवासी हैं। वह खुद आदिवासी हैं। उनके पास यह साबित करने के लिए प्रमाण पत्र हैं कि वे कंध समुदाय से हैं।
कुल आबादी का 53 प्रतिशत से अधिक हिस्सा कुई समुदाय का
उल्लेखनीय है कि आदिवासी बहुल कंधमाल जिले में कुल आबादी का 53 प्रतिशत से अधिक हिस्सा कुई समुदाय का है। 1995 में कुई समाज ने दशरथी बेहरा को मैदान में उतारा, जिन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। कुई समाज समन्वय समिति, फूलबाणी के सचिव लंबोदर कहंर ने कहा कि कुई समाज अपनी इच्छानुसार किसी की भी जीत सुनिश्चित कर सकता है। हालांकि इस मामले में बीजद की तरफ से किसी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं मिली थी।