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पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रामचंद्र पंडा, सोरो विधायक परशुराम ढाडा और फुलबाणी के पूर्व विधायक देवेंद्र कहंर ने छोड़ा साथ
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दो को नहीं मिला टिकट, तीसरा बहन को मौका नहीं दिए जाने पर गुस्से में
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कई स्टार नेता पहले ही छोड़ चुके हैं साथ
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राज्य में सबसे अधिक साथ छोड़ने वालों की संख्या बीजद में
भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा चुनाव से पहले राज्य में सत्तारूढ़ दल बीजद में बागियों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। लगातार इसके साथ दिग्गज साथी साथ छोड़ रहे हैं। कई दिग्गज स्टार अभिनेता से नेता पारी शुरू करने वाले लोग भी बीजद का साथ छोड़ चुके हैं। अब बीजद की दूसरी सूची जारी होने के बाद बीजू जनता दल (बीजद) को एक और बड़ा झटका लगा है। इसके तीन दिग्गज नेताओं ने साथ छोड़ दिया है। पार्टी से इस्तीफा देने वालों में पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रामचंद्र पंडा, सोरो विधायक परशुराम ढाडा और फुलबाणी के पूर्व विधायक देवेंद्र कहंर हैं। तीनों नेताओं ने पार्टी सुप्रीमो नवीन पटनायक को अपने-अपने त्यागपत्र भेज दिए हैं।
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष रामचंद्र पंडा ने अपने पत्र में कहा है कि गत 15 दिनों से चर्चा करने के लिए प्रयास के बाद भी उन्हें यह मौका नहीं दिया गया। फिर दिखाने के लिए सरकारी पद प्रदान करने का क्या औचित्य है। यह मेरे स्वाभिमान व सम्मान के प्रति कुठाराघात है।
उल्लेखनीय है कि 2000 में वह भाजपा के टिकट पर छत्रपुर विधानसभा से निर्वाचित होने के बाद विधानसभा के उपाध्यक्ष बने थे। 2017 में भाजपा से त्यागपत्र देकर वह बीजद में शामिल हो गये थे।
टिकट नहीं मिलने से नाखुश हैं परशुराम
इसी तरह से पार्टी अध्यक्ष नवीन पटनायक द्वारा विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों की दूसरी सूची की घोषणा के तुरंत बाद टिकट नहीं मिलने से नाखुश बीजद के वरिष्ठ नेता और सोरो विधायक परशुराम ढाडा और फुलबाणी के पूर्व विधायक देवेंद्र कहंर ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
परशुराम की जगह माधव को मौका
इस बार परशुराम को बीजद ने टिकट नहीं दिया है और उनकी जगह माधव ढाडा को मैदान में उतारा है। परशुराम ने बीजद अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेजते हुए आरोप लगाया कि पिछले एक साल से कुछ मध्यस्थ अधिकारियों ने तथ्यों को गलत बताया और उचित समर्थन नहीं दिया। इसके बावजूद मैं पूरी ईमानदारी के साथ अपने प्रयास कर रहा था।
एक मंडली पर अंगुली उठाई
विधायक ने एक मंडली पर अंगुली उठाते हुए कहा कि सोरो निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी को स्थापित करने के मेरे प्रयास और समर्पण मेरे लिए महंगे साबित हुए। अपनी भविष्य की योजना के बारे में उन्होंने कहा कि उन्होंने इस संबंध में कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने कहा कि मैं अपने समर्थकों, वरिष्ठों और शुभचिंतकों से सलाह लेने के बाद अगला कदम उठाऊंगा। मैं अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की सेवा करने के लिए चुनाव लड़ूंगा। उन्होंने आरोप लगाया कि साजिशकर्ताओं का एक समूह उन्हें टिकट से वंचित करने की अपनी योजना में सफल हो गया, लेकिन पार्टी सुप्रीमो इस पर ध्यान देने में विफल रहे।
बहन को टिकट नहीं मिलने से नाराज हुए देवेंद्र
फुलबाणी के पूर्व विधायक देवेंद्र कहंर ने अपने पत्र में कहा कि उनकी बहन अनिमा कहंर, जो खजूरीपड़ा ब्लॉक की अध्यक्ष और बीजद की जिला महिला विंग की अध्यक्ष हैं, को पार्टी का टिकट नहीं दिया गया। वह एक अनुशासित पार्टी कार्यकर्ता के रूप में समर्पित रूप से काम कर रही थीं। उनकी जगह जयश्री कहंर को टिकट दिया गया।
बागियों को मैनेज कर चुनाव जीतना जानती है बीजद– पद्मनाभ बेहरा
पार्टी में बागियों की बढ़ रही संख्या को लेकर बीजद सर्वाधिक प्रभावित है। बीजद के वरिष्ठ नेता पद्मनाभ बेहरा ने इस विषय पर बड़ा बयान दिया है। बेहरा ने कहा कि टिकट की चाह रखने वाले लोगों को यदि टिकट नहीं मिलता है, तो स्वाभाविक है कि असंतोष के कारण पार्टी से त्यागपत्र दे देंगे। चुनाव से पूर्व इस तरह की घटनाएं सामान्य बात है। बेहरा ने स्वीकार किया कि इस चुनाव में बागियों की संख्या पिछले चुनावों के तुलना में अधिक है, लेकिन बागियों कैसे मैनेज कर चुनाव जीता जाता है, वह पार्टी को पता है। इसमें किसी प्रकार की घबराने की आवश्यकता नहीं है। इस बार पार्टी पिछले चुनाव से भी अधिक सीटें हासिल करेगी।