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मामले की सीबाईआई जांच का आदेश नहीं देने पर जवाब तलब
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उच्च न्यायालय ने ओडिशा सरकार को 5 मार्च तक का दिया समय
भुवनेश्वर। स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की हत्या की सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए राज्य के हाईकोर्ट ने मंगलवार को ओडिशा सरकार को नोटिस जारी की है। उच्च न्यायालय ने ओडिशा सरकार को 5 मार्च तक जवाब देने का निर्देश दिया है कि मामले में सीबीआई जांच का आदेश क्यों नहीं दिया जाएगा।
विहिप नेता स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती की उनके चार शिष्यों के साथ 23 अगस्त, 2008 को कंधमाल जिले में उनके जलेसपेटा आश्रम में हत्या कर दी गई थी। हालांकि ओडिशा सरकार ने इस घटना की जांच के लिए अपराध शाखा को आदेश दिया था, लेकिन वह सरस्वती की हत्या के पीछे के सटीक रहस्य को उजागर करने में विफल रही, जबकि हत्या में माओवादियों की संलिप्तता का संदेह था।
सीबीआई जांच की मांग करने वाले वकील देवाशीष होता ने कहा कि क्राइम ब्रांच ने चार अहम पहलुओं को नजरअंदाज कर जांच की है। स्वामी लक्ष्मणानंद सरस्वती धर्मांतरण और मवेशियों की तस्करी के खिलाफ काम कर रहे थे। वह आदिवासियों के विकास के लिए काम करते थे। यूपीए सरकार सत्ता में थी और उसने 15 अगस्त 2008 को सरस्वती की सुरक्षा में तैनात सीआरपीएफ जवानों को वापस बुला लिया था। होता ने आगे कहा कि आठ दिन बाद ओडिशा पुलिस के जवान मौजूद नहीं थे और नेता की हत्या कर दी गई। उन्होंने कहा कि इसके लिए यूपीए और बीजद दोनों सरकारें जिम्मेदार हैं। इस मामले में आज उच्च न्यायालय ने ओडिशा सरकार को 5 मार्च तक जवाब देने का निर्देश दिया है।