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श्री जगन्नाथ मंदिर में रात 1:40 बजे के बाद भक्तों का आना हुआ शुरू
भुवनेश्वर। अंग्रेजी नववर्ष के प्रारंभ में एक जनवरी को राज्य के प्रमुख मंदिरों में भारी भीड़ उमड़ी। पुरी के श्रीमंदिर के साथ-साथ भुवनेश्वर-कटक समेत अन्य इलाकों में स्थित मंदिरों में लोगों ने पूजा-अर्चना की।
भुवनेश्वर के लिंगराज मंदिर में आज सुबह से श्रद्धालुओं की भारी भीड़ दिखी। श्रद्धालु सुबह-सुबह पहुंच कर बाबा लिंगराज के आशीर्वाद से अपना कार्य शुरू किया। आज से ही लिंगराज मंदिर में पॉलिथिन प्लास्टिक पर प्रतिबंध लगाया गया है। इसी तरह कटक के कटकचंडी देवी मां के मंदिर में भारी भीड़ देखने को मिली। केन्दुझर के घटगां तारिणी मंदिर, केन्द्रापड़ा के बलदेवजीउ मंदिर, बालेश्वर के क्षीरचोरा गोपीनाथ मंदिर, कोरापुट के शाबर श्रीक्षेत्र मंदिर में भी लोगों की भारी भीड़ देखने को मिली।
नए साल के दिन महाप्रभु श्री जगन्नाथ की एक झलक पाने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए हजारों भक्त 31 दिसंबर की देर रात से ही पुरी के श्रीमंदिर में उमड़ पड़े। मंदिर प्रशासन भी इसके लिए तत्पर था और रविवार रात 11 बजे तक अंतिम रात का अनुष्ठान पूरा कर लिया। मंदिर में रात 1:40 बजे के बाद भक्तों का आना शुरू हो गया। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए भी व्यापक इंतजाम किये गये थे।
शीघ्र दर्शन और व्यवस्था के बारे में मध्य क्षेत्र के आईजी, आशीष सिंह ने कहा कि भगवान की कृपा और सभी सेवकों के सहयोग के कारण दर्शन 1:40 बजे से शुरू हो सके। इससे पहले भी श्रद्धालु यहां आकर वातानुकूलित शेड में विश्राम कर चुके थे। तब से दर्शन सुचारू रूप से चल रहा है। यहां तक कि अनुष्ठान भी समय पर हो रहे थे। दर्शन के बाद, भक्त उत्तर-द्वार के माध्यम से मंदिर से बाहर निकल रहे थे। सिंह ने बताया कि हमने भक्तों के उपयोग के लिए बाजार परिसर में शौचालय को खुला रखा था। यहां तक कि प्रवेश बिंदु पर 4-5 शौचालय भी खोले गए थे।
पोशाक का नया नियम लागू
इस बीच नए साल से श्रीमंदिर में सभ्य पोशाक का नया नियम लागू हो गया है। नियमों के मुताबिक, किसी भी भक्त को ‘अशोभनीय पोशाक’ के साथ मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। इस मंदिर में प्रवेश करने से पहले उन्हें अपने शरीर को पूरी तरह से ढंकना होगा। महिला श्रद्धालुओं को साड़ी और सलवार पहनने को कहा गया, जबकि पुरुषों को पैंट, शर्ट और कुर्ता-पंजाबी पहनने की सलाह दी गई। इसके अलावा 12 साल से कम उम्र के बच्चों को हाफ पैंट और शर्ट पहनने की अनुमति है, लेकिन वयस्कों को फटी जींस, हाफ पैंट और आस्तीन न पहनने की सलाह दी जाती है। श्री जगन्नाथ मंदिर पुलिस और प्रतिहारी सेवक जांच कर रहे हैं और नियम का पालन सुनिश्चित कर रहे हैं।
सेवायतों के लिए ड्रेस कोड है लागू
श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) ने पहले ही 20 अक्टूबर, 2021 से सेवायतों के लिए ड्रेस कोड अनिवार्य कर दिया है। ड्रेस कोड के अनुसार, सभी सेवायतों को पूजा के दौरान धोती, तौलिया और पट्टा पहनने का निर्देश दिया गया है।
गुटखा-पान खाने पर पाबंदी
इसके अलावा आज से श्री जगन्नाथ मंदिर के साथ-साथ लिंगराज मंदिर परिसर में गुटखा और पान पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है। मंदिर के अंदर किसी को भी इन्हें चबाने की इजाजत नहीं होगी। गुटखा प्रतिबंध पर ओडिशा के मुख्य सचिव प्रदीप जेना ने कहा कि यदि भक्त श्री जगन्नाथ मंदिर प्रशासन (एसजेटीए) के नियमों का पालन करते हैं, तो उन्हें मंदिर के अंदर दर्शन का सुखद अनुभव होगा।
एसजेटीए प्रमुख रंजन दास ने कहा कि हमने सभी भक्तों और सेवकों से नियमों का पालन करने का आग्रह किया है। अब इन्हें लागू करने का समय आ गया है। हमने कुछ उल्लंघनकर्ताओं को पकड़ा है और उन्हें दंडित किया है, लेकिन हमारा मकसद जुर्माना वसूलना नहीं है। हम किसी को दंडित नहीं करना चाहते, लेकिन हम चाहते हैं कि वे भी नियमों का पालन करें।