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चेन्नई में साल 1995 में की थी सास ही हत्या
ब्रह्मपुर। ओडिशा के गंजाम जिले में ब्रह्मपुर पुलिस और चेन्नई की पुलिस टीम ने हत्या के 28 साल बाद हत्यारोपी को गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। यह जानकारी आज यहां ब्रह्मपुर के पुलिस अधीक्षक डॉ सरवन विवेक एम ने बताया कि गिरफ्तार हरिहर पाट्टजोशी (23) की शादी चेन्नई की इंदिरा (21) से हुई थी। पाट्टजोशी ने 9.8.1995 को चेन्नई में अपने नंगनल्लूर निवास पर अपनी सास रमा (48) की हत्या कर दी थी। उसने हत्या के लिए इस्तेमाल किए गए चाकू से अपनी पत्नी और साले कार्तिक (24) पर भी हमला किया था और वे दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बाद 9.8.1995 को एस:8 अदंबक्कम पुलिस स्टेशन में हत्या का मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई। हालांकि हत्या के तुरंत बाद आरोपी हरिहर पट्टजोशी चेन्नई से फरार हो गया। आरोपी चेन्नई में एक विज्ञापन कंपनी में प्रिंटिंग प्रेस में काम करता था और उसकी पत्नी इंदिरा चेन्नई में एक अन्य कंपनी में टेलीमार्केटिंग एक्जीक्यूटिव के रूप में काम करती थी। काम से संबंधित असाइनमेंट के कारण उनकी मुलाकात हुई और प्यार हो गया और 14.7.1994 में उन्होंने शादी कर ली, लेकिन शादी के कुछ महीने बाद घरेलू हिंसा के कारण दोनों अलग हो गए और इंदिरा ने स्थानीय अदालत में तलाक के लिए अर्जी दायर की। इससे आरोपी हरिहर पट्टजोशी क्रोधित हो गया और उसने अपनी पत्नी, सास और साले पर हमला कर दिया। 9.8.1995 को सास की मृत्यु हो गई, जबकि पत्नी और साला गंभीर रूप से घायल हो गए। इस घटना के बाद 1995 से आरोपी ओडिशा और सूरत में भी विभिन्न स्थानों पर छिपा हुआ था। प्रारंभ में वह अस्का में एक दोस्त के घर में छिपा हुआ था, जहां उसकी मुलाकात एक अन्य महिला से हुई और 2001 में उससे शादी कर ली। बाद में उसने ब्रह्मपुर में एक मसाला फैक्ट्री में काम किया। इसके बाद में केंद्रापड़ा में एक बजाज बीमा कंपनी में सेल्स मैन के रूप में, उसके बाद में ब्रह्मपुर में एक चिटफंड कंपनी में मैनेजर के रूप में काम किया। उन्होंने कई घर शिफ्ट किए थे।
पिछले 28 वर्षों में कई पुलिस टीमों ने ब्रह्मपुर और आसपास के स्थानों पर डेरा डाला और छापेमारी की लेकिन उसे गिरफ्तार नहीं किया जा सका। लगभग एक सप्ताह पहले चेन्नई से एसआई कन्नन के नेतृत्व में अडंबक्कम पुलिस स्टेशन की चार सदस्यीय पुलिस टीम आई और ब्रह्मपुर पुलिस जिले के गोसानिनुआगांव थाने पहुंची। इसके बाद गोसानिनुआगांव आईआईसी, इंस्पेक्टर स्मृति के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया गया, जिसमें एसआई ज्ञान रंजन बेहरा, सी/287 पीके पंडा, सी/797 ज्योति के देवी, ओएपीएफ फिनाइल साबर, ओएपीएफ के माधव, ओएएपीएफ ए सबर, एचजी संतोष के पाढ़ी, कांस्टेबल केपी सामंत, ओएपीएफ एस भुइयां तथा एचजी एमएम गौड़ा शामिल थे।
इस पुलिस टीम ने निकट समन्वय में काम किया और सभी संदिग्ध स्थानों पर नजर रखी। एक सप्ताह की कड़ी मेहनत के बाद पुलिस टीम गोसानिनुआगांव पीएस क्षेत्र के अंतर्गत एक स्थान पर छिपे आरोपी व्यक्ति को ढूंढने में सफल रही। उसे तब पकड़ा गया जब वह रेलवे स्टेशन के पास दोबारा भागने की कोशिश कर रहा था।
आरोपी की 2001 में हुई दूसरी शादी से उसे एक बेटी है। आरोपी दूसरी पत्नी अंडापड़सा चौक के पास कपड़े की दुकान चलाती थी।