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श्री जगन्नाथ मंदिर में कामिया के प्रवेश पर गिरिराज सिंह ने उठाए सवाल

  •  मंदिर में बीफ प्रमोटर को अनुमति देना देना धर्म, इतिहास और आध्यात्मिकता की उपेक्षा

  • मामले में जिम्मेदार लोगों पर त्वरित और गंभीर कार्रवाई की मांग की

भुवनेश्वर। पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में कथित बीफ प्रमोटर कामिया जानी को अनुमति दिये जाने को लेकर केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने चिंता व्यक्त की है। सिंह ने इस मामले में गंभीर कार्रवाई की मांग की है।

उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा है कि पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में पवित्रता का उल्लंघन बेहद परेशान करने वाला है। वीके पांडियन द्वारा प्रतिष्ठित जगन्नाथ मंदिर के भीतर एक बीफ प्रमोटर को अनुमति देना धर्म, इतिहास और आध्यात्मिकता की उपेक्षा है। जिम्मेदार लोगों के लिए त्वरित और गंभीर करवाई अति आवश्यक है।

ओडिशा 5-टी चेयरमैन वीके पांडियन कामिया जानी के पुरी जगन्नाथ मंदिर में प्रवेश के मुद्दे को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं। पुरी श्रीमंदिर में जानी के प्रवेश और ‘महाप्रसाद’ के सेवन ने ओडिशा में एक बड़े विवाद को जन्म दिया है, क्योंकि कई राजनीतिक दलों ने उन पर अपने चैनल पर गोमांस को बढ़ावा देने का आरोप लगाया है।

केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बाद भाजपा के दूसरे सबसे वरिष्ठ नेता हैं, जिन्होंने पूरे मामले पर नाराजगी जताई है और कार्रवाई की मांग की है। इससे पहले भाजपा की प्रदेश इकाई लगातार इस मामले को लेकर आवाज उठा रही है।

श्री जगन्नाथ मंदिर में सिर्फ हिन्दुओं को है प्रवेश की अनुमति

भाजपा का कहना है कि दुनिया भर के हर मंदिर की अपनी एक परंपरा है। पवित्र नगरी पुरी स्थित श्री जगन्नाथ मंदिर में सिर्फ हिन्दुओं को ही प्रवेश की अनुमति है। इसलिए हिन्दु को छोड़कर यहां किसी को प्रवेश करने नहीं दिया जाता है। इस मुद्दे पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी कहा था कि भगवान जगन्नाथ भक्ति का केंद्र हैं और ओड़िया और सनातनियों की भावनाओं से जुड़े हुए हैं। किसी को भी ऐसा कुछ नहीं करना चाहिए, जिससे लोगों की भावनाएं आहत हों। सबसे बढ़कर, किसी को भी जाने-अनजाने में ओड़िया लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।

माफी मांगें मुख्यमंत्री – कांग्रेस

कांग्रेस पार्टी ने शनिवार को सवाल उठाया है कि वीके पांडियन को कामिया जानी को श्रीमंदिर ले जाने का निर्देश किसने दिया? अगर ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस संबंध में निर्देश जारी किए हैं, तो उन्हें ओडिशा के लोगों से माफी मांगनी चाहिए। ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कांग्रेस (पीसीसी) के अध्यक्ष शरत पटनायक ने कहा कि इस घटना ने भगवान जगन्नाथ के सैकड़ों भक्तों की भावनाओं को आहत किया है।

इधर, वरिष्ठ कांग्रेस नेता बिजय पटनायक ने कहा कि वीके पांडियन हमेशा कहते हैं कि वह जो कुछ भी कर रहे हैं वह मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निर्देश पर कर रहे हैं। क्या सीएम नवीन पटनायक ने महाप्रसाद के प्रचार के लिए विवादास्पद महिला को बुलाया था और क्या ऐसे ब्लॉगर की जरूरत थी?

पटनायक ने कहा कि अगर यह कृत्य मुख्यमंत्री के निर्देश पर किया गया है, तो यह निंदनीय है। यदि मुख्यमंत्री कहते हैं कि ये उनके निर्देश नहीं थे, तो क्या वह किसी पत्र के बजाय सार्वजनिक रूप से पांडियन और श्रीमंदिर प्रशासक से स्पष्टीकरण मांगेंगे? ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा कांग्रेस चरम कृत्य पर उतर आएगी।

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