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भुवनेश्वर में जाली क्रेडिट कार्ड से धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़

  • मामले में पांच आरोपी गिरफ्तार

  • 7 लाख रुपये से अधिक नकदी, 450 क्रेडिट और डेबिट कार्ड, पासबुक, चेक बुक, पीओएस मशीनें बरामद

  • आठ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी होने की संभावना

भुवनेश्वर। कमिश्नरेट पुलिस ने शनिवार को भुवनेश्वर में दूसरे नाम पर जारी क्रेडिट कार्ड प्रयोग करके करीब आठ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। बताया गया है कि जाली दस्तावेजों का उपयोग करके क्रेडिट कार्ड जारी किए गए थे और इसके माध्यम से धोखाधड़ी की जाती थी। इस सिलसिले में निजी अस्पतालों के कुछ बिलिंग कर्मचारियों सहित कम से कम पांच लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

सूत्रों ने कहा कि गिरोह कई अस्पतालों में मरीजों के लिए क्रेडिट कार्ड के माध्यम से भुगतान करता था और 30 से 45 दिनों की पुनर्भुगतान अवधि के दौरान नकदी का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए करता था।

यह जानकारी देते हुए भुवनेश्वर के डीसीपी प्रतीक सिंह ने बताया कि 17 दिसंबर, 2023 को राकेश कुमार द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर गिरोह का भंडाफोड़ किया गया था। अपनी शिकायत में राकेश ने आरोप लगाया कि उनकी जानकारी के बिना उनके नाम पर एक क्रेडिट कार्ड जारी किया गया था। क्रेडिट कार्ड से ट्रांजैक्शन हुए थे, जो उनके नाम पर दिख रहे थे। शिकायतकर्ता को उसके नाम पर जारी किए गए जाली क्रेडिट कार्ड के बारे में तब पता चला जब उसने ऋण लेना चाहा और उसे पता चला कि उसका सिबिल स्कोर खराब है।

डीसीपी प्रतीक सिंह ने बताया कि शिकायत दर्ज होने के बाद साइबर पुलिस स्टेशन ने मामला उठाया और टीम को पुरी जिले के पिपिलि क्षेत्र के बीजू त्रिपाठी की संलिप्तता के बारे में सबूत मिले। साइबर टीम ने उसके कब्जे से 7 लाख रुपये से अधिक नकद, 450 क्रेडिट और डेबिट कार्ड, पासबुक, चेक बुक, पीओएस मशीनें बरामद की।

आगे की जांच के बाद पता चला कि बीजू अलग-अलग लोगों के नाम पर क्रेडिट कार्ड जारी करवाता था। इसके बाद वह विभिन्न निजी अस्पतालों में कुछ बिलिंग एजेंटों की मदद से वह क्रेडिट कार्ड स्वाइप करता था और भुगतान के बदले नकद लेता था।

सिंह ने कहा कि चूंकि पुनर्भुगतान के लिए 30 से 45 दिनों की विंडो अवधि है, बीजू अस्पतालों से एकत्र की गई नकदी का उपयोग अन्य उद्देश्यों के लिए कर रहा था और मुनाफा कमा रहा था। कुछ पैसे बिलिंग एजेंटों और वास्तविक क्रेडिट कार्ड मालिकों को भी दिए जा रहे थे। अब तक यह पाया गया है कि बैंकों में फर्जी दस्तावेज जमा करके क्रेडिट कार्ड जारी किए गए हैं।

सिंह ने आगे बताया कि पैसे की रसीदों से भरे तीन बैग मिले हैं और 2 करोड़ रुपये के लेनदेन वाली रसीदों की गणना की गई है। उन्होंने बताया कि संदेह है कि कुल धोखाधड़ी करीब आठ करोड़ रुपये की होगी।

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