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तमिलनाडु में तबाही मचा रहे भीषण चक्रवात मिचौंग का ओडिशा में भी दिखने लगा असर

  •  प्रदेश के सभी बंदरगाहों में जारी किया गया दो नंबर खतरे का निशान भारी वर्षा को लेकर जारी की गई चेतावनी

  •  पांच दिसम्बर को नेल्लोर तथा मछलीपट्टनम के पास करेगा लैंडफाल: लैंडफाल के समय हवा की गति होगी 100 किमी. प्रति घंटा

  • मुद्र में 5 किमी. की रफ्तार से आगे बढ़ रहा चक्रवात मिचौंग: ओडिशा में दिखने लगा है असर, राजधानी भुवनेश्वर के साथ तटीय जिलों में हो रही है बूंदाबांदी

 भुवनेश्वर.तमिलनाडु में अभी से तबाही माचा रहे बंगाल की खाड़ी में बने चक्रवात मिचौंग का असर ओडिशा में भी दिखने लगा है। ऐसे में भीषण रूप धारण कर चुके चक्रवात मिचौंग को लेकर प्रदेश के सभी तीन बंदरगाहों में दो नंबर खतरे का निशान लगा दिया गया है। मौसम विभाग ने कहा है कि चक्रवात मिचौंग वर्तमान समय में उत्तर-पश्चिम दिशा में बढ़ रहा है। पांच दिसम्बर मंगलवार सुबह तक बेहद भीषण चक्रवात में तब्दील हो जाएगा और पूर्वाह्न में नेल्लोर तथा मछलीपट्टनम के पास लैंडफाल करेगा। लैंडफाल के समय भारी वर्षा के साथ हवा की गति 90 से 100 किमी. प्रति घंटा होगी। चक्रवात का प्रभाव ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर के साथ तटीय जिलों में सोमवार सुबह से ही दिखाई देने लगा है। आसमान में बादल छाए रहने के साथ ही बूंदाबांद होने के साथ ही कुछ जगहों पर हल्की वर्षा भी हुई है।
मौसम विभाग ने चक्रवात मिचांग की की भयावहता को देखते हुए ओडिशा में मंगलवार के पांच जिलों में भारी से बहुत भारी वर्षा की चेतावनी जारी किया है। इन पांच जिलों में मालकानगिरी, कोरापुट, रायगड़ा, गंजाम एवं गजपति जिला शामिल है, जहां पर आरेंज चेतावनी जारी की गई है। इसके अलावा नवरंगपुर, कालाहांडी, कंधमाल एवं पुरी जिले के लिए पीली चेतावनी जारी की गई है। 6 दिसम्बर को दक्षिण ओडिशा के साथ पुरी, खुर्दा, कटक, जगतसिंहपुर एवं नयागड़ जिले में भारी वर्षा होगी। इन जिलों में वर्षा के साथ 40 से 50 किमी. की रफ्तार से हवा चलेगी। झटक पवन गति 60 किमी प्रति घंटा होगी। समुद्र अशांत रहेगा। ऐसे में 6 दिसम्बर तक मछुआरों को समुद्र में ना जाने की हिदायत दी गई है। इसके साथ ही सभी वंदरगाहों में दो नंबर खतरे का निशान भी जारी कर दिया गया है।
मौसम विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में चक्रवात 5 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। सोमवार सुबह के समय यह चेन्नई से लगभग 90 किमी पूर्व-उत्तर-पूर्व, नेल्लोर से 170 किमी दक्षिण-पूर्व, पुडुचेरी से 200 किमी उत्तर-पूर्व, बापटला से 300 किमी दक्षिण-दक्षिणपूर्व और मछलीपट्टनम से 320 किमी दक्षिण में है। मौसम विभाग ने कहा है कि इसके धीरे-धीरे तेज होने और लगभग उत्तर की ओर बढ़ने और दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के करीब बढ़ने और 5 दिसंबर की दोपहर के दौरान बापटला के करीब नेल्लोर और मछलीपट्टनम के पास लैंडफाल करेगा। मौसम विभाग ने कहा है कि लैंडफॉल के दौरान तटीय जिलों में 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी और भारी वर्षा होगी। झटका पवन की गति 110 किमी. हो सकती है।
वहीं चक्रवात के प्रभाव से ओडिशा में मौसम बदल गया है। सोमवार सुबह से ही आसमान में बादल छाए हुए हैं और कुछ स्थानों पर सुबह के समय बूंदाबांदी शुरू हो गई है। मौसम विभाग ने कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की सम्भावना जतायी है। ऐसे में ओडिशा के किसान भी चक्रवात को लेकर दहशत में आ गए हैं। खेतों में तैयार धान एवं सब्जी की फसल प्रभावित होने की आशंका को लेकर किसान सहमे हुए हैं। मौसम विभाग की तरफ से जारी की गई सतर्क सूचना के बाद लोग अपनी पकी हुई फसल की कटाई कर सुरक्षित रखने में दिन तमाम लगे रहे। गंजाम, मालकानगिरी और रायगढ़ जिले में किसानों के ज्यादा प्रभावित होने की सम्भावना है।

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