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राज्य सरकार के विधि विभाग ने गृह विभाग को पत्र लिखा
भुवनेश्वर। राज्य सरकार के विधि विभाग ने गृह विभाग को पत्र लिखकर न्यायपालिका में राज्य की वर्तनी उड़ीसा से ओडिशा करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि नवंबर 2011 में राज्य का नाम उड़ीसा से बदलकर ओडिशा कर दिया गया, लेकिन न्यायपालिका में इसे अभी भी उड़ीसा ही कहा जा रहा है।
कानून विभाग का ध्यान आकर्षित करते हुए भद्रक जिले के एक वकील कुलमणि बेहरा ने 16 अक्टूबर, 2023 को अपने पत्र में कहा था कि राज्य सरकार के निर्णय के अनुसार राज्य का नाम उड़ीसा से संशोधित करके ओडिशा कर दिया गया है, लेकिन न्यायपालिका विभाग में राज्य की वर्तनी अभी भी उड़ीसा ही लिखी जा रही है।
वकील बेहरा ने अपने पत्र में कहा कि वर्तमान में विभिन्न कक्षाओं के छात्र और राज्यों से परे पर्यटक भी लोकसेवा भवन ओडिशा और उड़ीसा उच्च न्यायालय के साइनबोर्ड को देखकर भ्रमित हो रहे हैं। इसलिए वर्तनी की एकरूपता बनाए रखने के लिए न्यायपालिका में आवश्यक सुधार अत्यंत आवश्यक है।
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वकील बेहरा के पत्र पर संज्ञान लेते हुए कानून विभाग ने अब गेंद गृह विभाग के पाले में फेंक दी है। विधि विभाग ने गृह विभाग को पत्र लिखकर न्यायपालिका में राज्य की वर्तनी उड़ीसा से ओडिशा करने के लिए आवश्यक कार्रवाई की मांग की है।
इधर, मीडिया को दिए गए बयान में वकील बेहरा ने कहा है कि एक राज्य के लिए दो अलग-अलग स्पेलिंग कैसे हो सकती हैं? जब कोई छात्र पूछता है कि राज्य के दो अलग-अलग नाम क्यों हैं, तो हमारा उत्तर क्या होगा? कानून विभाग को इस पर गौर करने की जरूरत है। इसलिए मैंने इसे कानून मंत्री, मुख्य सचिव और सचिव के ध्यान में लाया है।
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