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ओडिशा विधानसभा में कोशली-संबलपुरी भाषा का दस्तक NARASINGHA MISHRA

ओडिशा विधानसभा में कोशली-संबलपुरी भाषा का दस्तक

भुवनेश्वर। ओडिशा विधानसभा में कोशली-संबलपुरी भाषा ने आज शुक्रवार को शीतकालीन सत्र के दौरान दस्तक दी। कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने प्रश्नकाल में एक प्रश्नोत्तर के समय पूरक प्रश्न संबलपुरी-कोशली भाषा में पूछा। राज्य के उद्योग मंत्री प्रताप केसरी देव ने इस सवाल का जवाब संबलपुरी कोशली में ही दिया।

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अनुसूचित जनजाति वर्ग के लोगों की जमीन को गैरजनजाति वर्ग के लोगों को बेचने की अनुमति के मुद्दे पर दो दिन तक विधानसभा का कामकाज बाधित होने के बाद शुक्रवार को कामकाज स्वाभविक हुआ। इसके बाद प्रश्नकाल में यह रोचक बात देखने को मिली। कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने प्रश्नकाल में एक प्रश्नोत्तर के समय अचानक कोशली-संबलपुरी भाषा में सवाल दाग दिया। इस सवाल का जवाब भी उद्योग मंत्री प्रताप केसरी देव ने दिया। यह सवाल-जवाब आज विधानसभा की कार्यवाही के दौरान विधायकों के बीच चर्चे के केंद्र में रही।

कोशल राज्य की उठ चुकी है मांग 

ओडिशा विधानसभा में कोशली-संबलपुरी भाषा के उठने से कुछ ही दिन पहले में कोशल की राज्य की मांग पश्चिम ओडिशा में उठी है। इस मांग को लेकर संबलपुर में बंद का आह्वान भी किया गया था। इससे पूर्व ओड़िया फिल्म निर्माताओं और अभिनेता के बीच हुए विवाद के दौरान भी कोशल राज्य की मांग नरसिंह मिश्र ने उठा दी थी।

बातों से पेट नहीं भरने वाला, काम कर दिखाये सरकार – नरसिंह मिश्र

कांग्रेस विधायक दल के नेता नरसिंह मिश्र ने सदन में कहा कि राज्य सरकार औद्यगीकरण को लेकर गुलाबी चित्र दिखा रही है, जबकि वास्तविकता इससे काफी भिन्न है। केवल बातों से पेट नहीं भरेगा। सरकार को जमीन पर काम कर दिखाना चाहिए।

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प्रश्नकाल के दौरान उद्योग विभाग के एक सवाल पर चर्चा के दौरान मिश्र ने कहा कि काम के तलाश में उनका गृह जिला बलांगीर में लाखों लोग बाहर के राज्यों में जाने के लिए मजबूर हैं। इसका कारण है कि जिले में उद्योगों का ना होना। इस बारे में वह विधानसभा में कई बार कह चुके हैं। बलांगीर जिले में कुछ उद्योग स्थापित किया जाए, ताकि लोग अपने आस पास ही काम प्राप्त कर सके। लेकिन दुर्भाग्य की बात यह है 23 सालों की सरकार में बलांगीर में एक भी उद्योग स्थापित नहीं हो पाया है। जो उद्योग पहले से थे, वे भी बंद हो गये हैं। इसलिए केवल बातों से पेट नहीं भगेगा। उद्योग स्थापित कर दिखाना पड़ेगा।

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