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19-20 नवंबर को सूर्यदेव भगवान को अर्पित होगा अर्ध्य
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भुवनेश्वर में न्यू बालियात्रा मैदान, मंचेश्वर के समीप पवित्र कुआखाई नदी तट का छठघाट हुआ सज-धजकर तैयार
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बिस्वास और हिन्दी विकास मंच की तैयारियां पूरी
भुवनेश्वर। आस्था और विश्वास का छठ का महापर्व आज नहाय-खाय के साथ शुरू हो गया। कल शनिवार को खरना है तथा 19 और 20 को उदयमान और अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को छठव्रती अर्ध्य अर्पित करेंगी।
ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में न्यू बालियात्रा मैदान, मंचेश्वर के समीप पवित्र कुआखाई नदी तट का छठघाट को सजाकर तैयार कर दिया है। बिस्वास के महासचिव चन्द्रशेखर सिंह ने छठव्रतियों को शुभकामनाएं देते हुए बताया कि संस्था के सभी के सहयोग से छठघाट की साफ-सफाई, पानी, बिजली, गाड़ियों की पार्किंग आदि का इंतजाम हो चुका है।
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आज भुवनेश्वर विवेकानंद मार्ग, सीआरपीएफ समूह केन्द्र, कीट डीम्ड विश्विद्यालय, पटिया, सत्यनगर, नयापली, यूनिट-4, कटक-पुरी रोड, चिंतामणिश्वर एरिया, जयदुर्गानगर, यूनिट-9 तथा मंचेश्वर, जीजीपी कॉलोनी आदि स्थानीय मोहल्ले में छठव्रतियों ने आज पवित्रतम नहाय-खाय किया। सभी छठव्रतियों ने पवित्र स्नानकर छठ परमेश्वरी की पूजा की तथा अरवा चावल का भात, चने की दाल और लौकी की सब्जी प्रसाद के रुप में सेवन की।

गौरतलब है कि यह व्रत संतान की प्राप्ति, उसकी लंबी उम्र की कामना, उसके उत्तम स्वास्थ्य, उज्ज्वल भविष्य और सुखमय जीवन की कामना के साथ-साथ छठव्रती अपने-अपने पति के दीर्घ जीवन की कामना, चर्मरोगों से मुक्ति तथा कुमारी कन्याएं अपने लिए कुलीन, सुंदर, संस्कारी, धनाढ्य पति की कामना के लिए करतीं हैं। 18 नवंबर को छठ के खरना प्रसाद सेवन हेतु बिस्वास के महासचिव चन्द्रशेखर सिंह ने अपने निवास स्थल पर किया है।
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