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प्रश्नपत्र में हिन्दू विरोधी सवाल

ओडिशा के आदर्श विद्यालय के प्रश्नपत्र में हिन्दू विरोधी सवाल

  • राम राज्य को कोरी कल्पना बताया

  • बच्चों से ऐसे सवाल पूछे जाने पर विवाद गहराया

  • भाजपा ने बीजद सरकार पर साधा निशाना

  • कहा-हिन्दू भावनाओं पर कुठाराघात के लिए सरकार की योजनावद्ध साजिश तो नहीं

  • कार्रवाई न लिए जाने पर कानूनी कदम उठाया जाएगा

भुवनेश्वर।ओडिशा में राज्य सरकार द्वारा संचालित ओडिशा आदर्श विद्यालय के एक प्रश्नपत्र में हिन्दू विरोधी सवाल बच्चों को पूछे जाने को लेकर विवाद गहरा गया है। बताया जाता है कि छठी कक्षा की परीक्षा में ओड़िया भाषा के प्रश्नपत्र में एक पैसेज देकर उससे प्रश्न पूछा गया है तथा उनका उत्तर देने के लिए छात्र-छात्राओं को कहा गया है।

पैसेज में लिखा गया है – कल्पना में प्रस्तुत अतीत के रामराज्य की बात को उद्धृत कर वे फिर से उसी रामराज्य में लौटना चाहते हैं। पहली बात तो यह है कि अतीत में कोई रामराज्य नहीं था। केवल पीछे देखने वाले पराजित लोगों के रंगीन चश्मे में ही रामराज्य दिखता है। दूसरी बात आधुनिक युग के दोष उनकी आंखों में बड़ा हो जाता है और इसके अच्छाइयों को वे भूल जाते हैं…।

इस पैसेज में बच्चों कुछ छह सवाल किए गए हैं, जिसमें 4 और 5 नंबर के सवाल विवादित हैं। इसमें एक सवाल है कि कल्पना में किसे प्रस्तुत बताया गया है और दूसरा सवाल है कि अतीत में क्या नहीं था। इन्हीं सवालों को लेकर विवाद गहरा गया है।

राम का अस्तित्व हो चुका है साबित

उल्लेखनीय है कि अयोध्या में श्रीमंदिर को तोड़ने को लेकर अदालतों में सुनवाई के दौरान राम के अस्तित्व को स्वीकार किया जा चुका है। अब तो अयोध्या में कुछ ही महीनों के अंदर श्री राम मंदिर भी बन कर तैयार हो जाएगा। ऐसी स्थिति में यह सवाल विवाद को जन्म देता है कि राम राज्य कोरी कल्पना है।

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भाजपा ने दी कड़ी प्रतिक्रिया

इस विवाद पर भारतीय जनता पार्टी ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अनिल बिश्वाल ने राज्य सरकार को कठघरें में खड़ा कर पूछा है कि क्या यह हिन्दू भावनाओं के प्रति राज्य सरकार की योजनावद्ध साजिश है। इस मामले में कार्रवाई न किये जाने पर उन्होंने कानूनी कार्रवाई किये जाने की चेतावनी दी है। बिश्वाल ने कहा कि प्रश्न पत्र में राम राज्य को कोरी कल्पना बताया गया है। इसका मतलब है कि राम राज्य कल्पना है और प्रभु श्रीराम भी कल्पना हैं। इस तरह का सवाल पूछ कर हिन्दुओं के भावनाओं पर कुठाराघात किया गया है। सरकारी विद्यालयों में इस तरह का प्रश्न कैसे पूछा गया। यदि सरकार इस मामले में आईपीसी की धारा 395ए के तहत कार्रवाई नहीं करती, तो कानूनी कार्रवाई करने पर हम मजबूर होंगे।

हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाना पुरानी आदत

बिश्वाल ने कहा कि हिन्दुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाना इन राजनीतिक पार्टियों का पुराना अभ्यास है। कांग्रेस ने भी प्रभु श्रीराम के अस्तित्व को नकारते हुए कोर्ट में हलफनामा दिया था। अयोध्या में प्रभु श्रीराम के जन्म स्थान पर भव्य मंदिर के उद्घाटन से पूर्व श्रीराम के अस्तित्व पर सवाल उठाया जाना बीजद सरकार का योजनावद्ध षडयंत्र तो नहीं है। इस मामले में सरकार को तत्काल स्पष्टीकरण देने की आवश्यकता है।

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