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श्रीजगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार का होगी लेजर स्कैनिंग

  • भाजपा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए आलोचना की

  • समीर मोहंती ने की रत्न भंडार को खोलने की मांग

  • हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप शीघ्र कमेटी गठित न करने पर कोर्ट की अवमानना की याचिका दायर करने की चेतावनी

भुवनेश्वर। पुरी स्थित श्रीजगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की संरचनात्मक स्थिरता का पता लगाने के लिए उसकी लेजर स्कैनिंग करने के निर्णय को लेकर भाजपा ने राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए आलोचना की है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) इस महीने पुरी के श्रीजगन्नाथ मंदिर के रत्न भंडार की संरचनात्मक स्थिरता का पता लगाने के लिए उसकी लेजर स्कैनिंग करेगा। भाजपा ने रत्न भंडार को खोलने की जगह उसकी लेजर स्कैनिंग कराने को एक सुनियोजित साजिश करार दिया है। इसके साथ ही भाजपा ने हाईकोर्ट के आदेश के अनुरूप शीघ्र कमेटी गठित न करने पर कोर्ट की अवमानना की याचिका दायर करने की चेतावनी भी दी है। इसके साथ ही भाजपा ने श्रीमंदिर परिक्रमा परियोजना के उद्घाटन से पहले रत्न भंडार खोलने की भी मांग की है।

इस फैसले की आलोचना करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता समीर मोहंती ने कहा कि रत्न भंडार खोलने की पूरी जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। गजपति महाराज के पास केवल प्रबंध समिति को इसकी अनुशंसा करने का अधिकार है। भगवान जगन्नाथ जनता के देवता हैं। मोहंती ने कहा कि जब सरकार ने 1952 में श्रीमंदिर के प्रबंधन के लिए एक विशेष कानून बनाकर गजपति महाराजा से शक्ति ले ली, तो अब निर्णय लेने की जिम्मेदारी सरकार पर है। श्रीमंदिर प्रबंध समिति ने 4 अगस्त को इस संबंध में राज्य सरकार को सिफारिश की है। उन्होंने सवाल किया कि फिर सरकार उच्च न्यायालय के आदेश और गजपति महाराज की सिफारिश पर अमल क्यों नहीं कर रही है?

मोहंती ने कहा कि चूंकि सरकार रत्न भंडार खोलने पर कोई निर्णय नहीं ले रही है, इसलिए लोगों के बीच यह धारणा बढ़ रही है कि यह खाली हो गया है। हालांकि, इस संबंध में राज्य सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी थी।

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