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19 लाख पौधे रोपे जाने का लक्ष्य
भुवनेश्वर। वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग ओएसडीएमए फंड के साथ अगले रोपण सीजन यानी 2024-25 और 2025-26 के दौरान अधिसूचित वन ब्लॉक सीमाओं के साथ बड़े पैमाने पर ताड़ के पौधे लगाने की योजना बना रहा है।
बताया जाता है कि ताड़ के पेड़ के कई फायदे हैं। यह वन खंड की सीमाओं को सुरक्षित करने के साथ-साथ बिजली अवरोधक के रूप में कार्य करता है। वन, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव और विशेष राहत आयुक्त सत्यब्रत साहू ने कहा कि यह जंगली जानवरों, विशेषकर हाथियों को चारा भी प्रदान करेगा।
हाल ही में आयोजित राज्य स्तरीय डीएफओ सम्मेलन में वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रदीप कुमार आमत की उपस्थिति में गहन विचार-विमर्श के बाद यह निर्णय लिया गया। पौधरोपण अभियान पूरा होने के बाद मानव-हाथी संघर्ष में कमी आएगी। बताया गया है कि 39,671 वर्ग किलोमीटर सीमा रेखाओं के साथ 4,479 अधिसूचित वन ब्लॉक हैं। इन वन खंडों में सीमा स्तंभों की कुल संख्या 4,80,207 है। वन खंड सीमा के साथ प्रत्येक सीमा स्तंभ के पास चार ताड़ के पेड़ लगाने का प्रस्ताव है। करीब साढ़े सात करोड़ रुपये की लागत से करीब 19 लाख पाम के पेड़ लगाये जायेंगे।
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