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कहा-समाज के मार्गदर्शन के लिए वे लेते हैं पुनर्जन्म
भुवनेश्वर। साधु-संतों की आत्मा विलीन नहीं होती है। विद्याधर बाबा जैसे पूज्य संत समाज को मार्गदर्शन देने के लिए इस पृथ्वी पर बार-बार पुनर्जन्म लेते हैं। शनिवार को अनुगूल जिले के अंगारबंध अलेख आश्रम के पूज्य त्यागी विद्याधर दास के मयाप्रयाण के 21वें दिन के कार्यक्रम में शामिल होकर केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने ये बातें कहीं।
प्रधान ने विद्याधर बाबा की पवित्र समाधि स्थल पर जाकर उनकी अमर आत्मा के प्रति श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने कहा कि अंगारबंध का अलेख महिमा आश्रम हम सभी का श्रद्धा का केन्द्र है। बाबा विद्याधर दास इस आश्रम के संन्यासी थे। वह हमेशा मानते थे कि मनुष्य को स्वस्थ रहना चाहिए। उन्होंने हमेशा एक अभिभावक के जैसा मार्गदर्शन किया।