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दूसरों के नाम पर फर्जी दस्तावेजों का करते थे प्रयोग
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पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार
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दो करोड़ रुपये से अधिक की लेनदेन के बाद खाता हुआ फ्रीज
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जाली दस्तावेज बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली कई सामग्रियां मिली
कोरापुट। कोरापुट जिले में पुलिस ने एक साइबर अपराध गिरोह का खुलासा किया है। इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। यह जानकारी यहां पुलिस ने आज बुधवार को मीडिया को दी। जयपुर के एसडीपीओ हर्ष बीसी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि गिरफ्तार आरोपियों के पास से धोखाधड़ी में प्रयोग के लिए जाली दस्तावेज बनाने में इस्तेमाल की जाने वाली कई सामग्रियां मिली हैं।
बीसी ने बताया कि जयपुर थानांतर्गत कालियागांव के रहने वाले एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि उसके बैंक खाते से संदिग्ध लेनदेन हुआ है, जिसके बाद जांच शुरू की गई थी।
एसडीपीओ ने कहा कि एक आरोपी ने शिकायतकर्ता से संपर्क करके उसे 1.40 लाख रुपये का ऋण दिलाने का वादा किया था और उसे किसी निजी बैंक की एक शाखा में खाता खोलने के लिए कहा था। इसके बाद आरोपी ने शिकायतकर्ता की बैंक पासबुक, आधार और एटीएम कार्ड जानकारी ले ली।
अधिकारी ने कहा कि जांच से पता चला कि 27 सितंबर से तीन अक्टूबर के बीच खाते से कुल दो करोड़ रुपये से अधिक का लेनदेन किया गया, इसके बाद खाते से लेनदेन पर रोक लगा दी गई। जांच के दौरान पता चला कि गिरोह ने देश भर के विभिन्न शहरों के लोगों को धोखा दिया था और पीड़ितों की सही संख्या अभी तक ज्ञात नहीं है। पुलिस ने गिरोह द्वारा धोखाधड़ी में इस्तेमाल की गई कई वस्तुओं को जब्त कर लिया, जिनमें तीन लैपटॉप, एक टैबलेट, बायोमेट्रिक उपकरण, 10 नोटरी रबर स्टांप, 26 एटीएम कार्ड, छह मोबाइल फोन, एक टेलर मशीन, एक प्रिंटर और 23,500 रुपये नकद शामिल हैं।
जयपुर सदर थाने के प्रभारी निरीक्षक ईश्वर टांडी ने कहा कि अपराधियों ने धोखाधड़ी के लिए जाली रबर स्टांप और नकली शपथ पत्र भी बनाए थे।
गिरफ्तार किए गए लोगों में से एक सेमिलिगुड़ा शहर का रहने वाला है और दो अन्य भुवनेश्वर के निवासी हैं।