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युद्ध की स्थिति के कारण छात्र अपने घरों से बाहर नहीं आ रहे
भुवनेश्वर। हमास आतंकवादी समूह के हमलों के बीच ओडिशा के लगभग 50 छात्र इजराइल में फंस गए हैं। जानकारी के अनुसार, लगभग 50 ओड़िया छात्र इजराइल के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे हैं। युद्ध की स्थिति के कारण छात्र अपने घरों से बाहर नहीं आ रहे हैं। युद्ध के सायरन के बाद वे तुरंत बंकर के अंदर भाग जाते हैं।
इजराइल की सेना ने उन्हें युद्ध सायरन की आवाज सुनकर तुरंत बंकर में प्रवेश करने का प्रशिक्षण दिया है। उन्हें 72 घंटे तक खाने-पीने का सामान तैयार रखने का आदेश दिया गया है। एक छात्रा अर्पिता पंडा के पिता रत्नाकर पंडा ने मीडिया को दिए गए बयान में कहा कि इजरायल पर हमास आतंकवादी समूह के हमले के बाद से मैं नियमित रूप से अपनी बेटी के संपर्क में हूं। हालांकि, हमले के दिन मैं उससे संपर्क नहीं कर सका, क्योंकि उसने अपना मोबाइल फोन बंद कर दिया था। उसके बाद हम अपनी बेटी से हर दिन दो या तीन बार बात करते रहे हैं। हालात में सुधार हुआ है और वह सोमवार से स्वाभाविक रूप से हमारे साथ बात कर रही है। अर्पिता फिलहाल पीएचडी कर रही है। इजराइल में एरियल विश्वविद्यालय में रसायन विज्ञान में वह पीएचडी कर रही है। उसके 16 अक्टूबर को भारत लौटने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि अर्पिता वर्तमान में विश्वविद्यालय छात्रावास में रह रही है और वह सुरक्षित है। हालांकि एरियल विश्वविद्यालय से एक आतंकवादी को पकड़ लिया गया है, लेकिन विश्वविद्यालय परिसर में कोई विस्फोट नहीं हुआ है। इसके बावजूद उन्हें अलर्ट रहने को कहा गया है। इजरायली सेना के निर्देशानुसार छात्रों ने 72 घंटे के लिए पर्याप्त भोजन और पानी तैयार रखा है। उन्हें युद्ध का सायरन सुनते ही तुरंत बंकर के अंदर भागने को भी कहा गया है। हम भारतीय दूतावास के साथ लगातार संपर्क में हैं और उन्होंने हमारी बेटी को भारत लौटने की अनुमति दे दी है। रत्नाकर ने कहा कि मेरी बेटी के फीडबैक के अनुसार, इजराइल सरकार छात्रों को हर तरह की मदद प्रदान कर रही है और उनसे स्थिति से न डरने के लिए कह रही है। हमले के पहले दिन अर्पिता और अन्य छात्र डरे हुए थे। हालांकि, उसके बाद से स्थिति सामान्य हो गई है। केवल देश के सीमावर्ती इलाकों में अभी भी तनाव है।
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