भुवनेश्वर। विधानसभा के मानसून सत्र को निर्धारित समय से एक दिन पूर्व ही अनिश्चित काल के लिए स्थगित किये जाने के बाद प्रतिपक्ष के नेता जय नारायण मिश्र राज्य सरकार पर जमकर बरसे। पार्टी कार्य़ालय में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में मिश्र ने कहा कि 8 दिनों के इस सत्र को 7 दिन में ही समाप्त कर दिया गया। इन सात दिनों में सात घंटे भी सदन नहीं चल सकी। प्रतिपक्ष के सवालों का उत्तर देने में नाकाम होने के कारण सरकार ने विधानसभा को चलने नहीं दी।
उन्होंने कहा कि 2019 के बाद से ही बीजद सरकार ने कभी भी सदन को पूरा समय नहीं चलाया है। बीजद किस ढंग से भागना चाहती है, यह उसका उदाहरण है। इस सत्र में चार प्राइवेट मेंबर बिल लाया जाना था, लेकिन बीजद सरकार ने इसे होने नहीं दिया।
मिश्र ने कहा कि एक भी कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा होने नहीं दी गई। 5-टी सचिव से लेकर जन प्रतिनिधियों का अपमान, राज्य में शिक्षा व स्वास्थ्य की बदहाल स्थिति आदि विषयों पर चर्चा नहीं होने दी गई। सरकार में सचिव बड़ा है, या मंत्री बड़ा है। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए भाजपा ने मांग की थी। इस संबंध में कार्यस्थगन प्रस्ताव भाजपा लायी थी, लेकिन राज्य सरकार ने इस पर भी चर्चा नहीं होने दी।
विभिन्न संगठनों द्वारा अपनी मांगों को लेकर विधानसभा के सामने आंदोलन चल रहा है। उनकी मांगों पर भी चर्चा नहीं होने दी।
आम तौर पर जब भी सदन में गतिरोध होता है, विधानसभा अध्यक्ष गतिरोध को समाप्त करने के लिए सर्वदलीय बैठक बुलाते हैं, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ। पहली बार इतिहास में उनकी यानी प्रतिपक्ष के नेता की माइक को बोलते समय बंद कर दिया गया।