-
शनिवार को 10 घंटे और रविवार को छह घंटे बिजली रही गुल
कटक। ओडिशा के बड़े अस्पतालों में एक कटक एससीबी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में बीते दो दिनों से हो रही बिजली कटौती से चिकित्सकीय सेवाएं चरमरा गईं हैं। रविवार को जहां छह घंटे से अधिक बिजली कटी रही, वहीं शनिवार को 10 घंटे बिजली गायब रही। बिजली कटने से लगातार दूसरे दिन रविवार को स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
बताया जाता है कि अस्पताल के अंदर मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा और कई विभाग लंबे समय तक अंधेरे में रहे। बिजली बाधित होने से खून की जांच समेत सीटी स्कैन आदि सेवाएं ठप हो गईं थीं। अस्पताल प्रशासन की इस घोर लापरवाही से मरीजों और उनके परिवारजनों में आक्रोश है। कहा जा रहा है कि बार-बार शिकायतों के बावजूद इस अस्पताल में बार-बार बिजली कटौती एक बड़ी चिंता बनी हुई है। बिजली कटौती के कारण कई लोगों को अपना बिस्तर छोड़कर हवा के लिए बाहर जाना पड़ा, जबकि अन्य लोगों को उमस से राहत पाने के लिए हाथ से बने पंखे और अखबारों का उपयोग करते देखा गया।
मोबाइल लाइट में हुआ इलाज
कुछ मरीजों के परिजनों ने बताया कि कल शनिवार को सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक बिजली नहीं थी। डॉक्टरों को मोबाइल लाइट के सहारे मरीजों का इलाज करना पड़ा। गर्मी में मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। अस्पताल के चिकित्सा विभाग, स्पाइनल इंजरी, पोस्टमार्टम विभाग और शवगृह में घंटों बिजली गुल रही।
मैं अभी कुछ नहीं कह सकता – चिकित्सा अधीक्षक
इधर मीडिया को दिए गए बयान में एससीबी के चिकित्सा अधीक्षक सुधांशु शेखर मिश्र ने कहा कि मेडिसिन वार्ड में बिजली की समस्या का समाधान कर दिया गया है। जहां तक बिजली के काम की बात है, तो मैं अभी कुछ नहीं कह सकता। हम भविष्य में इस तरह की बिजली कटौती को रोकने की कोशिश कर रहे हैं, क्योंकि मरीजों और डॉक्टरों दोनों को परेशानी उठानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि मैं बिजली विभाग से इन चीजों की समीक्षा करने का अनुरोध करता हूं, क्योंकि एससीबी एक महत्वपूर्ण चिकित्सा संस्थान है और ऐसे विद्युत दोषों को दूर किया जाना चाहिए, क्योंकि हजारों मरीज इस अस्पताल पर निर्भर हैं।
संविदा बिजली कर्मचारियों का आंदोलन बना कारण
सूत्रों ने बताया कि बिजली कटौती का कोई सटीक कारण तुरंत ज्ञात नहीं हो पाया, लेकिन पता चला है कि बिजली कटौती संस्थान में कार्यरत संविदा बिजली कर्मचारियों के कारण हुई थी। सूत्रों ने बताया कि ऐसी स्थिति कथित तौर पर अपने लंबित वेतन की मांग को लेकर संविदा बिजली कर्मचारियों के काम बंद आंदोलन के कारण उत्पन्न हुई।