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सीशोर चिटफंड घोटाले में सीबीआई अदालत ने आरोप तय किया

  •  चौद्वार-कटक के पूर्व विधायक प्रभात बिस्वाल और उनकी पत्नी लक्ष्मीबिलासिनी ने सुनवाई का विकल्प चुना

भुवनेश्वर। मामला दर्ज होने के नौ साल बाद सीशोर चिटफंड घोटाले के संबंध में सीबीआई अदालत ने चौद्वार-कटक के पूर्व विधायक प्रभात बिस्वाल और उनकी पत्नी लक्ष्मीबिलासिनी के खिलाफ आरोप तय किया है। करोड़ों रुपये के चिटफंड घोटाले में भुवनेश्वर सीबीआई कोर्ट-1 ने बिस्वाल और उनकी पत्नी की मौजूदगी में उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 420, 120 बी, 409, 467, 468 और 471 के तहत आरोप तय किया। बताया जाता है कि जब प्रभात से अदालत ने आरोपों को स्वीकार करने या सुनवाई के लिए जाने को कहा तो उन्होंने सुनवाई का विकल्प चुना और कहा कि इसे बिना किसी देरी के किया जाना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि करोड़ों रुपये के पोंजी घोटाले में बिस्वाल और कुछ अन्य बीजद नेताओं की कथित संलिप्तता मई 2014 में उस समय आई, जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने मामले की जांच संभाली। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने इस मामले की जांच करने के लिए सीबीआई को निर्देश दिया था। साल 2014 में तत्कालीन बांकी विधायक प्रभात त्रिपाठी और मयूरभंज सांसद रामचंद्र हंसदा को दो अलग-अलग मामलों में गिरफ्तार किया गया था।

बाद में 2017 में बिस्वाल को सीशोर ग्रुप के प्रमुख प्रशांत दाश के साथ एक संदिग्ध भूमि सौदे के मामले में गिरफ्तार किया गया था। आरोप है कि बिस्वाल ने अपने गृह जिले जाजपुर में सीशोर समूह के साथ 25 लाख रुपये का एक विवादास्पद भूमि सौदा किया था और इसे अपनी पत्नी लक्ष्मीबिलासिनी के खाते के माध्यम से एक वास्तविक व्यापारिक लेनदेन के रूप में छुपाया था।

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