भुवनेश्वर। हिन्दी दिवस के अवसर पर कीट डीम्ड विश्वविद्यालय, भुवनेश्वर की ख्वाहिशें सोसायटी की ओर से अभिव्यक्ति नामक हिन्दी दिवस कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें युवा तथा उत्साही बच्चों ने हिन्दी में भाषण, स्वरचित कवितावाचन तथा राम-लक्ष्मण-परशुराम संवाद जैसे मोहक कार्यक्रम प्रस्तुत किये। समारोह के मुख्य अतिथि के रुप में श्री सरत चन्द्र आचार्य तथा सम्मानित अतिथि के रुप में विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो ज्ञानरंजन मोहंती तथा अशोक पाण्डेय ने योगदान दिया।
कार्यक्रम की आरंभिक जानकारी डॉ श्याम सुंदर बेहुरा, उप निदेशक, कीट डीम्ड विश्वविद्यालय छात्र सेवा ने दी। स्वागतभाषण दिया विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो ज्ञानरंजन महंती ने। अपने संबोधन में मुख्य अतिथि आचार्य ने बताया कि वैसे तो वे ओडिया के एक मशहूर कवि तथा लेखक हैं फिर भी उनका लगाव हिन्दी से प्रगाढ़ है। वे चाहेंगे कि कीट के बच्चे अपनी मातृभाषा ओड़िया के साथ-साथ हिन्दी को भी अपने जनसम्पर्क भाषा के रुप में अपनाएं तथा प्रो अच्युत सामंत जैसा सभी भाषाओं का सम्मान करनेवाला बनें।
अशोक पाण्डेय ने बताया कि ओडिशा का एकमात्र विश्वविद्यालय कीट डीम्ड विश्वविद्यालय है, जहां पर प्रतिवर्ष हिन्दी दिवस, हिन्दी कार्यशाला तथा हिन्दी पखवाडा मनाया जाता है। गौरतलब है कि इस वर्ष भी ख्वाहिशें के सौजन्य से 11 सितंबर से 13 सितंबर तक स्थानीय स्कूलों में जा-जाकर हिन्दी प्रतियोगिताएं आयोजित कराईं गईं जिनके विजेताओं को आज हिन्दी दिवस पर पुरस्कृत किया गया। अशोक पाण्डेय ने यह भी बताया कि कीट-कीस के संस्थापक प्रो अच्युत सामंत अपनी मातृभाषा ओड़िया के साथ-साथ सभी भाषाओं का सम्मान करते हैं, इसीलिए कीट में यह हिन्दी दिवस हर वर्ष बड़े आकार में मनाया जाता है।
प्रो काजल परासर, उपनिदेशिका, सामुदायिक सेवा, कीट ने भी अवसर पर अपना मनतव्य कार्यक्रम के विषय में व्यक्त किया। आभार प्रदर्शन डॉ भव्या भूषण, संयोजिका ख्वाहिशें ने किया। कार्यक्रम को आरंभ से अंत तक सफल बनाने में ख्वाहिशें के समीर और रीतिका आदि का सहयोग सराहनीय रहा।
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