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वार्डों से कचरा नहीं हटाये जाने के कारण बदबू फैली
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नये टेंडर के खिलाफ सफाई कर्मियों का आंदोलन दूसरे दिन भी जारी
भुवनेश्वर। राजधानी स्थित कैपिटल अस्पताल में सफाईकर्मियों के आंदोलन से सफाई व्यवस्था चरमरा गई है। इस बीच डेंगू और वायरल फ्लू के प्रकोप के कारण अस्पताल मरीजों से भरा पड़ा है, लेकिन सफाई कर्मचारियों की हड़ताल के कारण कैपिटल अस्पताल में समग्र स्वच्छता कार्य प्रभावित हुआ है। सफाई कर्मचारियों की हड़ताल मंगलवार को दूसरे दिन में प्रवेश कर गया। बताया जाता है कि कल से कैपिटल अस्पताल के अंदर के वार्डों और अन्य क्षेत्रों से कचरा नहीं उठाया गया है, जिससे अस्पताल में बदबू फैल गई है। अस्पताल के 250 सफाई कर्मचारी नए व्यक्ति को टेंडर दिए जाने के खिलाफ धरना दे रहे हैं। आंदोलनकारी श्रमिकों की मांगों में प्रत्येक श्रमिक का ईपीएफ ईएसटी पंजीकरण, वैध कारणों के बिना श्रमिकों की कोई छंटनी नहीं करने और दुर्गा पूजा बोनस देने की मांग शामिल है। एक सफाई कर्मचारी ने कहा कि हम वेतन में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं और नए टेंडर और नियुक्ति के अन्य नियमों का विरोध कर रहे हैं। एक अन्य सफाई कर्मचारी ने कहा कि ऐसे कई कर्मचारी हैं जो पिछले 10 से 15 वर्षों से काम कर रहे हैं। हमें प्रतिदिन 385 रुपये मिलते थे और वेतन भी नियमित रूप से मिलता था। हम नये टेंडर के मामले में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं। हालांकि, अधिकारी हमें पुरानी दर पर काम करने के लिए मजबूर कर रहे हैं। सफाई कर्मचारियों ने धमकी दी है कि अगर उनका वेतन संशोधित नहीं किया गया तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे। सोमवार को कैपिटल हॉस्पिटल के निदेशक डॉ लक्ष्मीधर साहू ने कहा था कि हर आउटसोर्सिंग सेवा के लिए टेंडर निकाला जाता है। स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार 16 सितंबर को नये व्यक्ति को टेंडर दिया जायेगा। हमने पुराने कर्मियों से चर्चा की और उन्हें बताया कि उन सभी को रखा जायेगा और समान वेतन दिया जायेगा और हमने उन्हें बताया कि ईपीएफ ईएसटी में कोई विसंगति नहीं होगी।