कटक। युगप्रधान आचार्य श्री महाश्रमणजी की सुशिष्या समणी निर्देशिका भावितप्रज्ञा जी, समणी संघप्रज्ञा जी समणी मुकुलप्रज्ञा जी के सानिध्य में तथा अखिल भारतीय तेरापंथ महिला मंडल के निर्देशन में तेरापंथ महिला मंडल कटक के तत्वाधान में “द पावर आफ सबकॉन्शियस माइंड” कार्यशाला का आयोजन अध्यक्ष श्रीमती ललिता सिंघी की अध्यक्षता में स्थानीय तेरापंथ भवन में किया गया। नमस्कार मंत्र के उच्चारण से कार्यक्रम का प्रारंभ हुआ।
मंडल की बहनों के द्वारा प्रेरणा गीत का संगान किया गया। अध्यक्ष ललिता ने अपने स्वागत वक्तव्य के द्वारा सभी का स्वागत किया और विषय की जानकारी दी। समणी निर्देशिका भावित प्रज्ञा जी ने अपने संबोधन में फरमाया सबकॉन्शियस माइंड का पावर अनलिमिटेड है। चेतन मन तार्किक है, अवचेतन मन अतार्किक है। मस्तिष्क एक है, पर इसके हिस्से अलग-अलग है। चेतन मन और अवचेतन मन दोनों के अपने विशिष्ट गुण और शक्तियां हैं। मस्तिष्क के दो तरफा कार्य को जानने का एक अद्भुत तरीका यह है कि मस्तिष्क को एक बागीचा मान लो और मन को माली, हम अपने अवचेतन मन में विचार के बीज बो रहे हैं, परंतु हमें इसका एहसास नहीं होता कि हम ऐसा कर रहे है। अवचेतन मन में हम जैसा बीज बोते हैं, वैसा ही हमें अपने शरीर और परिस्थितियों में फसल काटनी पड़ती है। अवचेतन मन उपजाऊ मिट्टी है, जिसमें अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के बीज उगते हैं। इसलिए हर विचार एक कारण है और हर परिस्थिति एक परिणाम है। यह अनिवार्य है कि हमें अपने विचार पर नियंत्रण करना चाहिए ताकि इच्छित परिस्थितियां हमें मिल सके, अतः इसी क्षण से शांति, खुशी, स्वस्थता, सद्भावना और समृद्धि के बीज बोना शुरू कर दे। कार्यक्रम का कुशल संचालन और आभार मंत्री समता सेठिया ने किया। राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्या इंन्द्रा जी लुनिया की उपस्थिति रही। सभी संस्थाओं की सराहनीय उपस्थिति से यह कार्यक्रम सफल रहा।