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कहा-लोकतंत्र में सभी को मर्यादा व परंपरा की लक्ष्मणरेखा में रहना चाहिए
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राज्य में अलोकतांत्रिक व्यवस्था को लेकर केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र ने दी प्रतिक्रिया
भुवनेश्वर। मैं लोकतंत्र का पूजारी हूं। लोकतंत्र में मर्यादा व परंपरा का विशेष स्थान है, लेकिन ओडिशा में अनेक दिनों से शशिकला सिंड्रोम के लक्षण दिखायी दे रहे हैं। लोकंतंत्र में सभी को लक्ष्मणरेखा में रहना चाहिए। सत्ता के बल पर जो लोग संविधान को अपने हिसाब से चलाने की सोच रहे हैं, वे गलत सोच रहे हैं। उन्हें इस भ्रम से बाहर आ जाना चाहिए। भुवनेश्वर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने ये बातें कहीं।
प्रधान ने कहा कि आज ओडिशा में लोकतंत्र की सीमा का उल्लंघन हो रहा है। भुवनेश्वर से सांसद अपराजिता षाड़ंगी को अपना चुनाव क्षेत्र में दौरा करते समय तथाकथित विरोध का प्रायोजित कार्यक्रम किया जा रहा है। लोकतंत्र में किसी के पास यदि संख्याबल है, तो अहंकार में प्रतिपक्ष व असहमत लोगों को अपमानित करने का प्रयास करना बिल्कुल अनुचित है। अंग्रेजों के समय भी उस तरह का अहंकार था। ओडिशा में ग्राम सभा न कराने के सरकारी निर्देश होने की बात कही जा रही है। यह संविधान के परिधि के अंदर है या बाहर है।
प्रधान ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने संघर्ष कर स्वतंत्रता हासिल की थी और हमारे लिए संविधान की व्यवस्था की थी, लेकिन राज्य सरकार के जो वरिष्ठ अधिकारी सोच रहे हैं कि संविधान को अपने हिसाब से चलायेंगे, वे गलत समझ रहे हैं और वह भ्रम में हैं।
प्रधान ने कहा कि लोकतंत्र में संवैधानिक मर्यादा विधि व्यवस्था है। लोकतंत्र में लोक सर्वोपरि हैं। राजनीतिक विरोधी के नाते में मुख्यमंत्री नवीन पटनाय़क से अपेक्षा रखता हूं कि वह अलोकतात्रिक कार्य़ों को समर्थन नहीं देंगे।
प्रधान ने कहा कि लोकतंत्र में विरोध राजनीतिक स्तर पर हो। लोकतंत्र का सम्मान बना रहे। कुछ सरकारी अधिकारी इस असंवैधानिक कार्य में उपयोग हो रहे हैं। मेरी उनसे निवेदन है कि वे इससे बाज आयें।