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पर्यटक वीजा पर डेविड गीज दो बार आया था भारत
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ओडिशा में भुवनेश्वर और भद्रक भी आया
भुवनेश्वर। आव्रजन ब्यूरो ने हंगरी के 32 वर्षीय नागरिक डेविड गेज के खिलाफ लुक आउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया है। डेविड देश के सबसे बड़े एसटीए क्रिप्टो पोंजी घोटाले का प्रमुख है। यह सर्कुलर आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू), भुवनेश्वर के अनुरोध पर जारी किया गया है।
ईओडब्ल्यू के अनुसार, डेविड 2022-23 में पर्यटक वीजा पर दो बार भारत आया और लगभग 25 दिनों तक रहा। उसने ओडिशा, गोवा, पंजाब, झारखंड और दिल्ली जैसे विभिन्न स्थानों की यात्रा की थी। पहली बार वह अमेरिका और तुर्की तथा दूसरी बार पोलैंड के रास्ते भारत आया था। ओडिशा में वह भुवनेश्वर और भद्रक आ चुका है।
ईओडब्ल्यू द्वारा मामला दर्ज किए जाने के बाद उन्होंने अपना इंस्टाग्राम अकाउंट डिलीट कर दिया है। यह जानकारी देते हुए ईओडब्ल्यू ने एक विज्ञप्ति में कहा है कि इस घोटाले में दूसरे विदेशी, एक डच नागरिक की संलिप्तता जांच के दायरे में है।
डेविड को पर्यटक वीजा जारी किया गया था, लेकिन वह व्यवसाय व प्रचार गतिविधि में शामिल था, जिसकी विदेश मंत्रालय के नियम के अनुसार अनुमति नहीं है।
ईओडब्ल्यू ने कहा कि ईओडब्ल्यू मौजूदा मामले में कानूनी कार्रवाई के अलावा आवश्यक कार्रवाई के लिए इस तथ्य को विदेश मंत्रालय को रिपोर्ट करेगा। हालांकि उनके भारतीय सहयोगी अभी भी उनकी एआई-जनरेटेड तस्वीर और आवाज का उपयोग करके यूट्यूब वीडियो जारी कर रहे हैं। इससे पहले ईओडब्ल्यू ने घोटाले के सिलसिले में दो प्रमुख आरोपियों गुरतेज सिंह सिद्धू और निरोद दास को गिरफ्तार किया था। सिद्धू को राजस्थान से, जबकि ओडिशा प्रमुख निरोद को भद्रक से गिरफ्तार किया गया था।