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5-टी सचिव के हेलीकॉप्टर सेवा पर लगभग 300 करोड़ खर्च होने के बीजद नेता ने ही उठाए सवाल, अपनी पार्टी पर किया कटाक्ष
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सौम्य रंजन पटनायक ने मंत्री और सचिव की ताकत को लेकर कसा है व्यंग्य
भुवनेश्वर। ओडिशा में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के निजी तथा 5-टी सचिव वीके पांडियन के लिए हेलीकॉप्टर सेवाओं पर लगभग 300 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान लगाते हुए
बीजद के वरिष्ठ नेता सौम्यरंजन पटनायक ने शुक्रवार को कटाक्ष किया है। नेता सह वरिष्ठ पत्रकार पटनायक ने अपने दैनिक समाचार पत्र के ‘आम घर हलचल’ कॉलम में ‘जन्मदिनर अनुचिंता’ शीर्षक वाले लेख में सीधे 5-टी सचिव पर निशाना साधा और अपने ही सत्तारूढ़ दल बीजद की आलोचना की है। इस लेख में पटनायक ने 5-टी बनाम 5-एम पर व्यंग्य किया तथा उन्होंने एक बार फिर सवालिया निशान लगा दिया है कि मंत्री और सचिव में कौन ज्यादा ताकतवर है।
एक बैठक में 5-टी सचिव द्वारा मुख्यमंत्री का ऑडियो चलाने का वाकया बताते हुए पटनायक ने 5-एम के बारे में लिखा है। उनके अनुसार, सचिव ने सभी ‘एम’ – मां, माटी, मातृभाषा, मोबाइल और मद (शराब) को गंभीरता से लिया है। उन्होंने लोगों की शिकायतें सुनने के लिए 5-टी सचिव के हेलीकॉप्टर से राज्य के विभिन्न हिस्सों के दौरे की कड़ी आलोचना की है।
शिकायतें सुनने को हैं कलेक्टर, तो इतना खर्च क्यों
पटनायक ने सवाल किया है कि जब लोगों की शिकायतें सुनने के लिए हर जिले में कलेक्टरों की नियुक्ति की गई है, तो 5-टी सचिव के हेलीकॉप्टर से राज्य के विभिन्न हिस्सों के दौरे पर इतना पैसा क्यों खर्च किया जाता है। उन्होंने अनुमान लगाया कि 5-टी सचिव की यात्रा पर लगभग 300 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।
मंत्रियों और विधायकों पर भी कटाक्ष
पटनायक ने 5-टी सचिव के दौरे से पहले बारिश में छाता लेकर टेंट और अन्य चीजों की तैयारियों की देखभाल करने के लिए मंत्रियों और विधायकों पर भी कटाक्ष किया। उन्होंने आगे एक खास आदमी का विज्ञापन करने के पीछे के कारण के बारे में सवाल किया।
5-टी सचिव के अलावा पटनायक ने सत्तारूढ़ बीजद पर भी कटाक्ष किया है। पटनायक के अनुसार, नवीन बीजद की संपत्ति हैं। उन्होंने आगे सवाल किया कि क्या पार्टी इतनी गरीब हो गई है कि अब उसे अपनी सबसे कीमती संपत्ति को दांव पर लगाना पड़ रहा है।
मणिपुर हिंसा पर पार्टी की चुप्पी का भी जिक्र
अपने लेख में पटनायक ने मणिपुर हिंसा पर पार्टी की चुप्पी का भी जिक्र किया है। उन्होंने लिखा है कि अगर पार्टी और मिट्टी के बीच संघर्ष होता है, तो हमेशा मिट्टी ही जीतती है। उन्होंने आगे कहा कि हमारी मां उत्कल अब उपेक्षित और शोषित नजर आ रही हैं।
मिट्टी के लिए बलिदान पर चर्चा तेज
अपने जन्मदिन के मौके पर उन्होंने मिट्टी के लिए बलिदान की बात लिखकर राजनीतिक चर्चा को और तेज कर दिया है। उन्होंने लिखा है कि हमारे लिए पार्टी और जमीन के बीच कौन बड़ा है? यह सवाल नहीं होना चाहिए। बल्कि ‘मिट्टी हमेशा पार्टी से बड़ी होती है’, यह हमेशा एक कहावत होनी चाहिए।
अनुभव पटनायक ने सौम्यरंजन पटनायक की आलोचना की
इस बीच, बीजद नेता अनुभव पटनायक ने 5-टी सचिव और सत्तारूढ़ दल की आलोचना करने के लिए सौम्यरंजन पटनायक की आलोचना की।
उन्होंने कहा कि उनकी आखिरी इच्छा विधायक के रूप में ओडिशा विधानसभा में प्रवेश करने की थी, भले ही वह एक दिन के लिए ही क्यों न हो। विधायक बनने के बाद वह फिर हाथ जोड़कर गिड़गिड़ाते रहे कि अब उनकी आखिरी इच्छा मंत्री बनना है, भले ही कुछ दिनों के लिए ही सही। अनुभव ने ट्विट किया है कि हम सभी भगवान जगन्नाथ में विश्वास करते हैं। अगर उनमें हिम्मत है तो वह इस बात से इनकार करें। ओडिशा के लोग उनके दोहरे चरित्र को जानते हैं और अपने स्वार्थ के लिए वह कितना नीचे गिर सकते हैं। यह विडम्बना है कि जो व्यक्ति अपने ससुराल वालों को जब तक जीवित रहा तब तक ब्लैकमेल करता रहा और अपने भाइयों को भी ब्लैकमेल करता रहा, वह आज भी “माटी” की बात कर रहा है। यह “शैतान का वेद पाठ” जैसा है। एक व्यक्ति, जिसने पार्टी-हॉपिंग के लिए राज्य के साथ-साथ राष्ट्रीय रिकॉर्ड भी बनाया है और अपने लालच और बेवफाई के कारण अपने जीवन में अधिकांश पार्टियों से बाहर निकाला गया है, वह आज “माटी” के बारे में बात कर रहा है।
बीजद नेता अनुभव पटनायक ने कहा कि यह कहना उचित है कि जब भी इतिहास ओडिशा की राजनीति में किसी दोहरे चेहरे वाले, लालची, सत्ता-लोलुप ब्लैकमेलर का नाम खोजेगा, तो इस व्यक्ति को इसके सर्वश्रेष्ठ उदाहरण के रूप में चुना जाएगा। हालांकि, मैं उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं देता हूँ और आशा करता हूं कि वह कम से कम अब एक बेहतर इंसान बनने के लिए कुछ आत्मनिरीक्षण करेंगे।
भाजपा सांसद ने साधा निशाना
सौम्यरंजन पटनायक के लेख पर प्रतिक्रिया में भाजपा सांसद अपराजिता षाड़ंगी ने कहा कि बीजद नेता ने पहले भी यह मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर ओडिशा के सभी 30 जिलों के प्रत्येक गांव और बाज़ार में चर्चा हो रही है। लोग पूछ रहे हैं कि मुख्यमंत्री कौन है? यदि मुख्यमंत्री हेलीकॉप्टर से राज्य के विभिन्न हिस्सों का दौरा करते हैं, तो यह ठीक है। लेकिन, एक सचिव स्तर के सरकारी कर्मचारी का हेलीकॉप्टर से विभिन्न स्थानों पर जाना उचित शिष्टाचार नहीं है।