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उच्च न्यायालय ने उनकी जमानत की याचिका स्वीकार की
कटक। राज्य के उच्च न्यायालय ने गुनूपुर के पूर्व विधायक राममूर्ति गोमांग को जमानत दे दी है। वह 29 अगस्त, 1995 को अपनी गर्भवती पत्नी की हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। पत्नी की मौत के करीब 28 साल बाद अपराध से जुड़े 11 गवाहों और 15 दस्तावेजों की सुनवाई के बाद भुवनेश्वर की एडीजे अदालत ने गोमांग को हत्या और सबूत नष्ट करने का दोषी ठहराया था। 27 जून को कोर्ट ने उसे उम्रकैद की सजा सुनाई। इसके बाद गोमांग ने भुवनेश्वर एडीजे कोर्ट के आदेश को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का रुख किया था।
गौरतलब है कि गोमांग की पत्नी शशिरेखा का अधजला शव भुवनेश्वर में एमएलए कॉलोनी में पूर्व विधायक के क्वार्टर के बाथरूम से बरामद किया गया था। तब वह चार महीने की गर्भवती थीं। प्रारंभ में अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया था, क्योंकि गोमांग ने पुलिस को बताया कि जब घटना हुई तो वह क्वार्टर पर नहीं थे और उन्होंने जोर देकर कहा कि उसकी पत्नी ने केरोसिन डालकर आत्महत्या कर ली है। बाद में जांच में पुष्टि हुई कि पूर्व विधायक ने ही अपनी पत्नी की हत्या की है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी सिर में चोट लगने की बात सामने आई। इसके बाद एक सब-इंस्पेक्टर ने खारवेलनगर पुलिस स्टेशन में उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई।
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