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द्वितीय पुण्यतिथि पर याद किए गए निर्भीक जन नेता अरुण
बालेश्वर। अरुण दे सिर्फ एक असाधारण व्यक्तित्व नहीं थे, ओडिशा के एक इतिहासिक व्यक्तित्व थे। बीजू पटनायक से लेकर ओशिशा विधानसभा में उनका प्रतिनिधित्व सब समय काफी रोमांचक रहा। राजनीति में जीत हार उनको कभी भी प्रभावित नहीं कर पाई। एक महान राजनेता के रूप में उन्होंने काफी स्मृतियां छोड़ी हैं। विशाल ज्ञान से परिपूर्ण होते हुए भी खुद को कभी वीआईपी आचरण में नहीं रखा। यह वक्तव्य ‘वॉइस ऑफ बालेश्वर’ द्वारा आयोजित बालेश्वर के पूर्व विधायक तथा निर्भीक राजनेता स्वर्गीय अरुण दे की द्वितीय पुण्यतिथि पर आयोजित स्मृति सभा में अतिथियों ने रखा। सहदेवखुन्टा स्थित महेश्वरी भवन में आयोजित इस सभा में वरिष्ठा वकील उत्पल मोहंती के संयोजन में ‘समाज में निर्भीक मनुष्य के अभाव’ को लेकर एक चर्चा आयेजित हुई। इस सभा में पूर्व सांसद रविंद्र कुमार जेना, पूर्व विधायक प्रदीप्त पंडा, अरविंद दास, वरिष्ठ पत्रकार अमय पांडव, पूर्व विधायक सुदर्शन जेना, विधायक सुकांत नायक, कवि प्रशांत दास, जिला परिषद अध्यक्ष नारायण प्रधान, वर्धा प्रसन्न पटनायक, जिला परिषद सदस्य वनलता सेठी, बीजद नेता गोपीनाथ सेनापति, श्रमिक नेता गौरांग पाणिग्राही एवं जयंत दास, बालेश्वर सदर ब्लॉक अध्यक्ष सुनीता बेहरा ने उपस्थित रहकर स्वर्गीय अरुण दे के संघर्षमय, राजनीतिक जीवन के संपर्क में अपना वक्तव्य रखा। स्वर्गीय दे दलित, गरीब, श्रमिक, मजदूर लोगों की आवाज थे। एक सामान्य परिवार से आकर मात्र 29 वर्ष की उम्र में उनका विधानसभा के लिए निर्वाचित होना कोई छोटी बात नहीं थी। इस अवसर पर छात्र नेता संघमित्रा जेना को अरुण स्मृति सम्मान से नवाजा गया। इसके साथ इस साल विद्यालय एवं महाविद्यालय के वार्षिक परीक्षा में मेधावी छात्र छात्राओं को भी सम्मानित किया गया। शांतनु दास, निशित कुमार बारीक, लंबोदर बेहेरा, हेमंत मोहंती, राजेंद्र दास, राजाराम पात्र, परशुराम साहू, बापी राऊत, राजकिशोर पात्र, गोपाल चंद्र जेना, राहुल दे, मायाधर राऊत, अरिजीत घोषाल, गौतम सेठी प्रमुख ने कार्यक्रम का संचालन किया।