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प्रताड़ना से परेशान छात्र और छात्रा ने स्कूल छोड़ा

  • राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोते और हाथ में टूथब्रश लिये चलते देखे गए

  • स्थानीय लोगों ने हाल जानने के बाद पुलिस को किया सूचित

  • जिलाधिकारी ने दिया जांच के आदेश

  • बच्चों ने कहा-स्कूल में रोज होती थी पिटाई, खाना भी नहीं मिलता था

भद्रक। भद्रक जिले के एरिन में आज शनिवार को दो छात्रों ने प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए अपना स्कूल छोड़ दिया। मीडिया को दी गई जानकारी में स्थानीय निवासियों ने बताया कि उन्होंने सुबह नाबालिग लड़के और लड़की को राष्ट्रीय राजमार्ग पर घूमते देखा। दोनों के हाथ में टूथब्रश थे और वो रो रहे थे। सूत्रों ने बताया कि लड़का तीसरी कक्षा का छात्र है, जबकि लड़की चौथी कक्षा में पढ़ती है।

जब स्थानीय लोगों ने उनसे पूछा कि वे क्यों रो रहे हैं और राष्ट्रीय राजमार्ग पर अकेले चल रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि वे एरिन के अरबिंदो इंटीग्रल स्कूल के छात्र हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि स्कूल में उन्हें नियमित रूप से प्रताड़ित किया जा रहा था, जिसके कारण उन्हें स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा।

एक बच्चे ने कहा कि हमें स्कूल में नियमित रूप से पीटा जाता था। हमें ठीक से खाना भी नहीं दिया जाता। मेरे माता-पिता कोलकाता में हैं। शिक्षक हमें अपने माता-पिता से टेलीफोन पर बात करने की अनुमति नहीं देते। हमें स्कूल छोड़ने के लिए मजबूर किया गया।

स्थानीय लोगों के अनुसार, बच्चे स्कूल से पांच-छह किलोमीटर दूर राष्ट्रीय राजमार्ग के किनारे चले थे, तभी उनकी नजर उन पर पड़ी।

स्थानीय निवासी रूपा साहनी ने कहा कि जब हमने छात्रों को रोका और उनसे पूछा कि वे अकेले क्यों चल रहे हैं और रो रहे हैं, तो उन्होंने कहा कि उन्हें स्कूल में प्रताड़ित किया गया था और उन्होंने पीड़ा में स्कूल छोड़ दिया है। बच्चों के लिए राजमार्ग पर चलना खतरनाक था क्योंकि दुर्घटना की संभावना थी। घटनाक्रम के बाद स्थानीय लोगों ने चरम्पा पुलिस स्टेशन को फोन किया और उन्हें घटना की जानकारी दी। इस सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों बच्चों को बचाया। दोनों छात्रों के अभिभावकों को भी घटना की जानकारी दे दी गई है।

स्कूल के कुछ कर्मचारियों को हिरासत में लिया गया है और उनसे घटना पर पूछताछ की जा रही थी। हालांकि, स्कूल अधिकारियों ने छात्रों की यातना के बारे में अपनी अनभिज्ञता जताई।

स्कूल समिति के सचिव सुशील पटनायक ने मीडिया को दिए गए बयान में कहा है कि

हम उन दोनों छात्रों की तलाश कर रहे थे, जो आज सुबह स्कूल छोड़ गए थे। स्कूल में छात्रों पर कथित अत्याचार के बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है। हम घटना की जांच करेंगे।

सूचना मिलने के बाद भद्रक के जिलाधिकारी ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी (डीसीपीओ) को मौके पर जाकर स्थिति का जायजा लेने को कहा है। घटना की जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं।

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