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लोगों की जागरुकता और प्रशासनिक संरक्षण की पहल रंग लाई
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खेतों में स्वतंत्र रूप से करते हैं उछल-कूद
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दृश्य देखकर लोग खुदको मानते हैं धन्य
इण्डो एशियन टाइम्स, ब्रह्मपुर।
ओडिशा के गंजाम जिले में काले हिरण की आबादी तीन गुना बढ़ गई है। स्थानीय लोगों और वन विभाग के अधिकारियों द्वारा प्रकृति के संरक्षण और बड़े पैमाने पर संरक्षण अभियान के बारे में जागरूकता के कारण पिछले 12 साल में इनका कुनबा काफी बढ़ा है। बताया जाता है कि लोगों की जागरूकता के कारण काले हिरण खेतों में स्वतंत्र रूप से उछल-कूद करते हुए देखे जाते हैं, जिसे देखकर लोग खुदको धन्य मानते हैं। आंखों को सुकून मिलता है। इन्हें देखने के बाद लोगों का दिल बाग-बाग हो जाता है। लोगों की जागरूकता यहां काले हिरणों के लिए एक बरदान साबित हो रही है।
इस साल 29 जनवरी को राज्य के वन विभाग द्वारा आयोजित नवीनतम द्विवार्षिक जनगणना के अनुसार, जिले में कुल 7,743 काले हिरणों की गिनती की गई थी। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इनकी जनसंख्या 2011 में 2,194 थी, जबकि साल 2020 में 6,885 तथा 2021 में उनकी संख्या 7,352 थी।
नवीनतम अनुमान के अनुसार, घुमुसर दक्षिण डिवीजन में 4,753 मादा, 1,472 नर और 1,518 युवा काले हिरण देखे गए।
वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के अनुसार काला हिरण अनुसूची 1 का जानवर है। आकर्षक प्रजातियों को वैश्विक संगठन इंटरनेशनल यूनियन फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर की रेड लिस्ट में ‘खतरे के करीब’ के रूप में सूचीबद्ध किया गया है। राज्य वन विभाग के सूत्रों के अनुसार, जिले में काले हिरण की आबादी में वृद्धि के पीछे स्थानीय लोगों और वन कर्मचारियों द्वारा आवास में सुधार और सुरक्षा कुछ कारण हैं।
काले हिरण दिखना सौभाग्य का सूचक
गंजाम जिले के लोग काले हिरण की रक्षा करते हैं, क्योंकि इसका दिखना सौभाग्य का सूचक माना जाता है। यह प्रथा पिछले कई वर्षों से जारी है। एक वन अधिकारी ने कहा कि यह एक आम धारणा है कि जानवर जितना अधिक खाएंगे, कृषि उपज उतनी ही अधिक होगी। क्षेत्र के लोगों का मानना है कि धान के खेत में काले हिरण को देखना सौभाग्य का संकेत है।
देते हैं भोजन और धन का आशीर्वाद
उन्होंने कहा कि लोग यह भी मानते हैं कि जीव-जंतु लंबे सूखे के दौर को तोड़ते हैं और क्षेत्र को भरपूर भोजन और धन का आशीर्वाद देते हैं। ग्रामीणों द्वारा आश्रय के कारण जानवर स्वतंत्र रूप से घूमते हैं।
सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई कार्यक्रम शुरू
इसके अलावा, काले हिरण के भोजन, पानी और सुरक्षा को बढ़ाने के लिए वन्यजीव पर्यावास के एकीकृत विकास योजना के तहत भी कई कार्यक्रम शुरू किए गए हैं। उनके आवास में सुधार के लिए जल छिद्र बनाए गए हैं। घायल काले हिरणों के इलाज के लिए क्षेत्र में एक वॉच टावर और एक बचाव-सह-उपचार केंद्र भी स्थापित किया गया है। सड़क क्रॉसिंग पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए संवेदनशील क्षेत्रों में स्पीड ब्रेकर और रोड हम्प लगाए गए हैं, जो काले हिरणों की मौत का प्रमुख कारण हैं।