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76वां कोन्हाईलाल स्मृति समारोह आयोजित
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राजेंद्र राउल को कोन्हेई कथा पुरस्कार -2023 प्राप्त हुआ
बालेश्वर : कन्हाईलाल दास एक अलग दुनिया के व्यक्ति थे. कन्हाईलाल को उस प्रेम से प्रेम नहीं था, जिसमें प्रेम न हो! इसे योजना के माध्यम से नहीं किया जाता है, लेकिन योजना को आगे बढ़ाने के बाद योजना बनाई जा सकती है. कोन्हाईलाल दास नदी थे, कोई नक्शा नहीं था. उनमें से केवल एक ही जीवित बचा. उनमें स्वतंत्रता का आनंद लेने का साहस था. हम सभी के अंदर एक कन्हेई है. लेकिन हममें से कितने लोग उसका आनंद लेते हैं? एक लेखक को खुश करना बहुत बड़ी बात है. 76वें स्मृति समारोह में शामिल अतिथियों ने कहा कि कन्हेई के साथ रहना ही कन्हेई को सच्ची श्रद्धांजलि है.
आज शाम स्थानीय स्टेशन क्लब सभागार में कन्हाईलाल दास के लिए एक स्मारक सेवा आयोजित की गई. मुख्य अतिथि प्रकाश महापात्र ने बांसुरी बजाकर बैठक की शुरुआत की, उसके बाद महापात्र ने कोन्हाईलाल स्मृति संसद द्वारा आयोजित स्मृति समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में भाग लिया और शमहापात्र कोन्हाईलाल को एक अलग दुनिया का बताया. संसद के अध्यक्ष सुबास चंद्र पान के संरक्षण में आयोजित स्मृति समारोह का अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर और तस्वीरों पर पुष्पांजलि अर्पित कर उद्घाटन किया. समिति के आहावक कवि श्रीदेव ने अतिथियों को मंच पर आमंत्रित कर अतिथि परिचय दिया. सचिव उत्पल मोहंती ने संपादकीय भाषण दिया।ट. इस अवसर पर इस वर्ष का कोन्हेई कथा पुरस्कार युवा उपन्यासकार राजेंद्र राउल को दिया गया. कार्यवाहक अध्यक्ष कृष्ण कुमार मोहंती ने याचिका पढ़ी. पुरस्कार स्वरूप दस हजार रुपये एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया. राउल ने कहा कि जिसने गरीबी नहीं देखी उसने जीवन को नहीं समझा.
मुख्य वक्ता के रूप में गंगाधर मेहर, प्रसिद्ध कवि और उपन्यासकार सरोज बल अतिथि वक्ता के रूप में शामिल हुए. अपने भाषण में उन्होंने कहा कि कन्हेई में स्वतंत्र रूप से जीने का साहस था. आहावाक गौतम बुद्ध दास ने अपने भाषण में कन्हेई की स्मृति को और अधिक व्यापक रूप से फैलाने पर जोर दिया. अंत में जदबेश मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापन दिया. कार्यक्रम में राजेश गिरी, शुभेन्दु दास, ब्योमनाथ रथ आदि ने सहयोग किया.