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ओडिशा में नव दास हत्याकांड के अंतिम आरोप पत्र पर राजनीति गरमाई

  • बरगढ़ सांसद सुरेश कुमार पुजारी ने आरोप पत्र को बेकार कागज बताया

  • भाजपा और कांग्रेस ने राज्य सरकार पर साधा निशाना

  • पूर्व नियोजित हत्या के आरोप के बाद क्राइम ब्रांच ने गोपाल दास की कहानी गढ़ी -माझी

  • विधानसभा में मुद्दा उठाएगी भाजपा

हेमन्त कु्मार तिवारी, भुवनेश्वर।

ओडिशा के पूर्व मंत्री नव किशोर दास हत्याकांड में अंतिम आरोप पत्र मीडिया में आने के एक दिन बाद विपक्षी दलों ने बीजद सरकार पर हमला तेज कर दिया है। विपक्ष का आरोप है कि बीजद सरकार जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रही है, क्योंकि मृतक के परिवार के सदस्यों के बयानों को उचित महत्व नहीं दिया गया।

यह बात पार्टी के बरगढ़ सांसद सुरेश कुमार पुजारी की उस प्रतिक्रिया के ठीक बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि आरोप पत्र बेकार कागज है।

हाई-प्रोफाइल हत्याकांड की जांच कर रही क्राइम ब्रांच ने 26 मई को जेएमएफसी, झारसुगुड़ा की अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था।

इस पर विपक्षी मुख्य सचेतक मोहन चरण माझी ने आरोप लगाया कि दिवंगत मंत्री नव किशोर दास की पत्नी और बेटे द्वारा लगाए गए पूर्व नियोजित हत्या के आरोप, जो आरोप पत्र में उल्लिखित हैं, तथ्य हैं, लेकिन क्राइम ब्रांच ने गोपाल दास की कहानी गढ़ी और इसकी जांच सुनियोजित हत्या के आरोपों को नजरअंदाज करते हुए बर्खास्त एएसआई के साथ शुरू और खत्म हुई। चार्जशीट में उनकी पत्नी और बेटे ने कहा कि उनकी हत्या सुनियोजित तरीके से की गई थी। हालांकि उनके बयान सच हैं, लेकिन क्राइम ब्रांच ने उस एंगल से अपनी जांच नहीं की। जांच गोपाल दास से शुरू हुई और गोपाल दास पर ही ख़त्म हुई। उन्होंने कहा कि

जो लोग अप्रत्यक्ष रूप से हत्या के मामले में शामिल हैं, वे अपने गेम प्लान में सफल नहीं होंगे। जिस तरह से सरकार अपना चेहरा बचाने और जांच को गुमराह करने की कोशिश कर रही है, उसे हमारी पार्टी ओडिशा विधानसभा के आगामी सत्र में उठाएगी।

इनके अलावा, जयपुर कांग्रेस विधायक ताराप्रसाद वाहिनीपति ने भी इसी तरह के विचार व्यक्त किए और कहा कि पूर्व मंत्री के कई दुश्मन थे और यह एक सच्चाई है। कांग्रेस इस मुद्दे को फिर से विधानसभा में उठाएगी।

बीजद ने आरोप किए खारिज

इस बीच, सोरो बीजद विधायक परशुराम ढाडा ने विपक्ष के आरोपों को खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल भी पूर्व नियोजित हत्या नहीं थी। हाई-प्रोफाइल अपराध की जांच से सब कुछ सामने आ गया है। क्राइम ब्रांच की चार्जशीट में हत्या के पीछे किसी मकसद का जिक्र नहीं होने का मतलब यह नहीं है कि इसके पीछे कोई मकसद नहीं था। नव किशोर दास के परिवार के सदस्यों द्वारा दिए गए बयानों के आधार पर जांच की गई। सच्चाई सामने आ गई है और अब सब कुछ बिल्कुल स्पष्ट है।

Posted by: Desk, Indo Asian Times

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