कुछ लोगों के
भाव बढ़ गये हैं
साग-सब्जी की तरह
उतरने में
देर कहाँ लगती है ?
हाँ , बहुत जल्दी
बारिश होनेे वाली है…!!
सबको साथ लेकर
चलने की बात
निहायत बेमानी है…!
गुटबन्दी
महत्वाकांक्षापूर्ति
हर जगह की कहानी है…!!
कथित “नेता”
जलती चिता में
रोटियाँ सेंक रहे हैं…!
हल्ला करने वाले
हर शख्श के मुँह में
चतुराई से
एक-एक फेंक रहे हैं..!!
एक सच :
ये तमगे लगेंगे
फिर उतर जायेंगे…!
इस दौरान
इस मन से भी
कुछ लोग उतर जायेंगे…!!
✍️ पुष्पा सिंघी , कटक