-
ओडिशा विजिलेंस की पांच दिनों की रिमांड की अवधि पूरी हुई
इण्डो एशियन टाइम्स, भुवनेश्वर।
नवरंगपुर के पूर्व अतिरिक्त उपकलेक्टर और दागी ओएएस अधिकारी प्रशांत राउत को सोमवार को सुंदरगढ़ जेल भेज दिया गया है। ओडिशा विजिलेंस में उनकी पांच दिन की रिमांड की अवधि पूरी हो गई थी। बताया जाता है कि सतर्कता विभाग की टीम ने राऊत की आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति का पता लगाया है। विजिलेंस को कथित तौर पर छह बेनामी बैंक खाते, 1।2 करोड़ रुपये की जमा राशि और भद्रक और भुवनेश्वर में दो बेनामी प्लॉट मिले हैं। यह आरोप लगाया गया है कि नवरंगपुर के अतिरिक्त उपकलेक्टर के रूप में तैनात राउत ने जिले में भारतमाला परियोजना और अमृत सरोवर परियोजना के तहत स्थानीय ठेकेदारों को नौकरी देने में अनुचित सहानुभूति दिखाई थी।
आरोप यह भी लगाए जा रहे हैं कि बुरजा पंचायत के शीतलाडांगरी, कोपेना और केसरीबेड़ा गांवों में अमृत सरोवर परियोजना के तहत पत्थर खदानों को लूटने में ठेकेदारों की मदद करने के लिए राउत ने फर्जी दस्तावेज पेश किए थे और न ही कभी ‘ग्राम सभा’ आयोजित की थी और न ही प्रदूषण बोर्ड से अनुमति ली थी।
भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी के अधिकारियों द्वारा अधिकारी के आधिकारिक, आवासीय और अन्य परिसरों पर छापेमारी के बाद आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में राउत विजिलेंस के जाल में फंस गए।
भुवनेश्वर के कानन विहार में छापेमारी के दौरान प्रशांत राउत के पड़ोसी की छत से छह डिब्बों में छिपाकर रखी गई 3।02 करोड़ रुपये से अधिक की नकदी सहित 5।21 करोड़ रुपये की संपत्ति जब्त की गई।
साल 2018 में राउत को सुंदरगढ़ जिले में बीडीओ रहते हुए एक पंचायत कार्यकारी अधिकारी से 1 लाख रुपये की रिश्वत मांगने के आरोप में सतर्कता अधिकारियों ने गिरफ्तार किया था।