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भारी वाहन चलाने वाले चालकों को प्रोफेशनल का दर्जा देने में जुटा ओडिशा

  • राज्य को देश में एचएमवी ड्राइविंग का मुख्य प्राण केंद्र बनाने का लक्ष्य

  • भारी वाहनों को चलाने के लिए स्थापित किया है चार आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र

हेमन्त कुमार तिवारी, इण्डो एशियन टाइम्स,भुवनेश्वर।

विभिन्न क्षेत्रों में अपना परिचम लहरा चुका ओडिशा राज्य अपने नए प्रयोगों के तहत भारी मोटरवाहन चालकों को एक प्रोफेशनल रूप देने में जुटा है। राज्य में निवेश के रूझान तथा कुशल और प्रशिक्षत चालकों की मांग को लेकर प्रदेश सरकार ने चार आधुनिक प्रशिक्षण केंद्र स्थापित किया है। इस प्रशिक्षण केंद्रों की स्थापना उद्देश्य न सिर्फ कुशल चालक तैयार है, अपितु सड़क हादसों में होने वाले मौतों को शून्य करना भी है।

आंकड़ों के अनुसार, ओडिशा में हर साल पांच हजार से अधिक लोगों की मौत सड़क हादसों में होती है। इसमें 21 फीसदी हादसे के लिए भारी मोटर वाहन जिम्मेदार माने जाते हैं। बताया गया है कि ये हादसे प्रशिक्षण के आभाव या सही तरीके से टेस्ट परीक्षण नहीं होने के कारण होते हैं। देश में भारी वाहनों को चलाने के लिए चालकों के शिक्षण के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। ज्यादातर खलासी अपने उत्साद चालकों से ही भारी वाहनों को चलाना सीखते हैं। इसे ध्यान में रखते हुए ओडिशा सरकार ने उच्च मानक वाली चालक ट्रेनिंग देने की परिकल्पना तैयार की।

मास्टर परियोजना के तौर पर सरकार ने पहले जाजपुर में छतिया के पास साल 2011 में हैवी मोटर चालन केंद्र स्थापित किया। इसे ओडिशा सरकार के वाणिज्य एवं परिवहन विभाग और अशोक लेलैंड के संयुक्त तत्वावधान में संचालित किया जा रहा है। अभी तक यहां 60 हजार को प्रशिक्षण दिया गया है।

इसकी सफलता के बाद राज्य सरकार ने हैवी मोटर व्हेकल ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर के रूप में बणेई, केंदुझर और ब्रह्मपुर में इंस्टीट्यूट ऑफ ड्राइविंग ट्रेनिंग एंड रिसर्च (आईडीटीआर) स्थापित किया है। इसके लिए सरकार ने अशोक लेलैंड से करार किया था। केंदुझर और बणेई माइनिंग के क्षेत्र में स्थित हैं। इसलिए इन क्षेत्रों में कुशल चालकों की आवश्यकता अधिक है। इनकी निर्माण डायरेक्ट माइनिंग फंड (डीएमएफ) से किया गया है। सुंदरगढ़ जिले में वणेई में 37 एकड़ जमीन पर इसे तैयार किया गया है। हर साल 2880 छात्रों को प्रशिक्षण करने की यहां क्षमता है। यहां पर अत्याधुनिक ट्रेनिंग ट्रैक, एसी क्लासरूम, कट मॉडल रूम, इंजन कार्यशाला, लाइब्रेरी, कंप्यूटर लैब, हॉस्टल है। प्रशिक्षण के लिए दो हैवी मोटर व्हैकल तथा दो लाइट मोटर व्हैकल सेमुलेटर क्लासरूम भी हैं। प्रशिक्षण के लिए चार हैवी मोटर व्हैकल, दो लाइट मोटर व्हैकल उपलब्ध है। इसके साथ ही 200 सीट वाला एक आधुनिक आडिटोरियम भी है।

केंदुझर में यह संस्थान 22 एकड़ में स्थापित है। यहां विभिन्न प्रकार के ट्रैक हैं तथा प्रतिवर्ष 2400 चालक तैयार करने की क्षमता है। ब्रह्मपुर में आईडीटीआर गोलंथरा में 20 एकड़ परिसर में स्थापित में है। वार्षिक क्षमता के अनुसार 1680 छात्रों को यह प्रशिक्षित करेगा।

राज्य सरकार के सूचना और जनसंपर्क विभाग ने एक वीडियो ट्विट कर यह जानकारी साझा की है। बताया गया है कि मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के मार्ग दर्शन में ओडिशा का एचएमवी ड्राइविंग का मुख्य प्राण केंद्र बनाने का लक्ष्य है। सरकार की यह परिकल्पना रोजगार सृजन में एक क्रांतिकारी साबित होगी। यहां प्रशिक्षण लेने का पूरा खर्च सरकार वहन कर रही है।

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